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अधिवचनीय
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अधिवासेति
संज्ञाओं का एक प्रभेद-विशेष - अधिवचनसम्फस्सजा सा सुखुमा, विभ. 7; तयो हि अरूपिनो खन्धा सयं पिडिवट्टका हुत्वा अत्तना सहजाताय सआय अधिवचनसम्फस्सजा सतिपि नामं करोन्ति, विभ. अट्ठ. 18. अधिवचनीय त्रि., [अधिवचनीय], बढ़ा-चढ़ाकर कहने योग्य, प्रशंसनीय - वचनीयाधिवचनीयेस. अ. नि. 1(2).2083; वचनीयाधिवचनीयेसूति वत्तब्बेसु च अतिरेकवत्तब्बेसु च, अ. नि. अट्ठ. 2.359. अधिवत्तति अधि + Vवत का वर्त., प्र. पु., ए. व., समीप में पहुंच जाता है, नियति अथवा भाग्य के वश में हो जाता है, अभिभूत हो जाता है या कर लेता है - अधिवत्तति खोतं. .... जरामरणं स. नि. 1(1).120; अधिवत्ततीति अज्झोत्थरति, स. नि. अट्ठ. 1.147; धनं.सुखञ्चेतधिवत्तति, अ. नि. 1(2).38; अधिवत्तमाने ... जरामरणे, स. नि. 1(1).120. अधिवत्थ/अधिवुत्थ(8) अधि + Vवस का भू. क. कृ. अथवा क. ना., 1.क. शासक, अभिभूत करने वाला देवता अथवा भटकते भूत या प्रेतात्मा के रूप में निवास करने वाला, बलपूर्वक वास कर रहा, स्थान विशेष में निवास करने वाला, कब्जा किया हुआ - तस्मिञ्च सरीरे पेतो अधिवत्थो होति, पारा. 68; अधिवत्थोति साटकतण्हाय तरिमयेव सरीरे निब्बत्तो, पारा, अट्ठ. 1.301; अथ खो कधे अधिवत्था देवता, महाव. 34; 1.ख, किसी के द्वारा आबाद किया हुआ - आकिण्णनेलमण्डलमहावराहनागकुलकरेणुसङ्घाधिवुद्धे, जा. अट्ठ. 5.411; विज्जाधरसिद्धसमणतापसगणाधिवढे, जा. अट्ठ. 5.415; 2.क. अधिवासेति से व्यु.. वह जिसने भोजन ग्रहण करने का निमन्त्रण स्वीकार कर लिया है - अधिवुट्ठोम्हि ... अम्बपालिया गणिकाय भत्तं, महाव. 308; पाठा. अधिवुत्थ; तुल. दी. नि. 2.76; 2.ख. कर्म. वा., वह, जिसके द्वारा वास पूरा कर लिया गया है - अधिवुत्थो मे वस्सावासो, म. नि. 2.251. अधिवसति अधि + Vवस् का वर्त, प्र. पु., ए. व. [अधिवसति], निवास करता है, आबाद करता है, विराजता है - विहारं अधिवसति, रू. सि. 287, सद्द. 3.717. अधिवास' पु., [अधिवास], स्वीकरण, दृढ़तापूर्वक ग्रहण,
सम्यक रूप से ग्रहण - अधिवासो सम्पटिच्छने अभि. प. 958. अधिवास पु.. [अधिवास], सुगन्धि - वासे धूपादिसङ्घारेधिवासो, अभि. प. 958; - क त्रि., 'अधिवासेति' से व्यु. [अधिवासक], सहनशील, सहिष्णु - परेहि वुत्तानं दुद्ववचनानं अधिवासको, जा. अट्ठ. 4.69.
अधिवासन नपुं.. सहन करने की मनोवृत्ति, सहनशीलता, स्वीकृति, अनुमोदन, क्षमा - अधिवासनन्ति इदं अधिवासनं तस्स सोत्थानं निरपराधमङ्गलं पण्डिता वदन्ति, जा. अट्ठ. 4.69, तुल. अधिवासना; - खन्ति स्त्री., शान्ति से भरी सहिष्णुता, शान्ति के साथ सहन करने की क्षमता - अधिवासनखन्तिया ... समन्नागतो, जा. अट्ठ.2.199; अक्कोधनोति अधिवासनखन्तिया समन्नागतो, जा. अट्ठ. 3.230; - ता स्त्री., भाव, सहिष्णुता, अनुमोदन करने की अवस्था, क्षमावृत्ति - या खन्ति खमनता अधिवासनता अचण्डिक अनसुरोपो अत्तमनता चित्तस्स - अयं वच्चति खन्ति, ध. स. 1348; अधिवासेन्ति एताय, अत्तनो उपरि आरोपेत्वा वासेन्ति, न पटिबाहेन्ति, न पच्चनीकताय तिट्ठन्तीति अधिवासनता, ध. स. अट्ठ. 417; - विरिय/वीरिय नपुं.. उत्साह से भरी सहनशीलता, सहनशीलता का उत्साह, वीर्यपारमिता - अधिवासनवीरियं वीरियपारमी, जा. अट्ठ. 5.167. अधिवासना स्त्री., अधिवासेति से व्यु.. [बौ. सं. अधिवासना]. क. सहमति, स्वीकरण, अनुमोदन - कम्मस्स किरिया करणं उपगमनं अज्झूपगमनं अधिवासना, चूळव. 220; अधिवासनमाय, सब्बस्स महेसिनो, अप. 1.36; भगवतो अधिवासन विदित्वा, म. नि. 1.302; ख. सहनशीलता, सहिष्णुता - अधिवासनं सोत्थानं तदाहु, जा. अट्ठ. 4.68;
अत्थि आसवा अधिवासना पहातब्बा, म. नि. 1.10; कतमे .... आसवा अधिवासना पहातब्बा? इध ... भिक्ख ... खमो होति सीतस्स उण्हस्स ... सारीरिकानं वेदनानं, दुक्खानं, म. नि. 1.14. अधिवासेति अधि + Vवस का प्रेर., वर्त., प्र. पु., ए. व., क. धीरज रखना, सहन करना, क्षमा कर देना, आत्मसमर्पण कर देना - सा दुक्खाहि ... वेदनाहि फुट्ठा तीहि वितक्केहि अधिवासेति, उदा. 85; दन्तो वत, भो, समणो गोतमो ... समुप्पन्ना सारीरिका वेदना ... अधिवासेति अविहमानो, स. नि. 1(1).33; - सयन्तो वर्त. कृ., पु., प्र. वि., ए. व. - खुदं पिपासं अधिवासयन्तो, जा. अट्ठ. 4.294; - सये/सयेय्य विधि., प्र. पु., ए. व. - अधिवासये भिक्खु अदुट्ठचित्तो, उदा. 120; असोचमानो अधिवासयेय्य, जा. अट्ठ. 3.177; - सेय्याथ विधि., म. पु., ब. व. - पस्सथ नो तुम्हे ... अणुं वा थूलं वा, यं तुम्हे नाधिवासेय्याथ, म. नि. 1.182; - सेत्वा पू. का. कृ. - सा द्वे तयो पहारे अधिवासेत्वा, जा. अट्ठ, 3.246; - सेतब्बं सं. कृ. - छिदं
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