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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अधिमोक्ख 174 अधिवचन अधिमोक्ख पु., अधि + 'मुच् से व्यु. [अधिमोक्ष], पक्का अधिरोहति अधि + रुह का वर्तः, प्र. पु., ए. व. विश्वास, सुदृढ़ धारणा, संकल्प, निर्णय - अधिमोक्खो तु [अधिरोहति]. आरोहण करता या ऊपर चढ़ता है, सवार निच्छयो, अभि. प. 159, निच्छये अधिमोक्खो ..., सद्द होता है - उपरिभावे अधिरोहति, सद्द. 3.882... 3.882, अधिमुच्चनं अधिमोक्खो, विसुद्धि. 2.93; विचिकिच्छाय अधिवचन नपं. [अधिवचन], नाम, उपाधि, क. एक धर्मअभावेन पन एत्थ अधिमोक्खो उप्पज्जति, विसुद्धि. 2.99; पर्याय का नाम - तस्मा इमस्स धम्मपरियायरस पारायनन्तेव अभि. अव. 28, स. उ. प. में अलद्धा., लद्धा के अन्त. अधिवचनं, सु. नि. पृ. 246; तस्मा इमस्स वेय्याकरणस्स द्रष्ट; -किच्च नपुं., [बौ. सं. अधिमोक्षकृत्य], अधिमोक्ष । सम्पसादनीयं त्वेव अधिवचनन्ति, दी. नि. 3.86; ख. व्युत्पत्तिया सुदृढ़ विश्वास के लिये आवश्यक कृत्य, दृढ़ विश्वास परक निर्वचन से रहित शब्द-विशेष - एत्तावत्ता अधिवचनपथो से भरा काम - अथ नेव सद्धिन्द्रियं अधिमोक्खकिच्चं कातं ....., दी. नि. 2.49; सिरिबड्डको ... आदयो हि वचनमत्तमेव सक्कोति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).301; - चरिया स्त्री., अधिकारं कत्वा पवत्ता अधिवचना नाम, ध. स. अट्ठ. 98; ग. तत्पु. स. [बौ. सं. अधिमोक्षचर्या], सुदृढ़-विश्वास से भरा प्रतीकात्मक अथवा रूपकात्मक नाम, प्रतीकात्मक अथवा आचरण अथवा चर्या - अधिमोक्खचरियाय वेसारज्जं .... आलङ्कारिक नाम - सुखस्सेतं ... अधिवचनं ... यदिदं पटि. म. 197; - बहुलता स्त्री., भाव., सुदृढ़-विश्वास से पुआनि, इतिवु. 12; रागस्सेतं अधिवचनं रजोति, जा. अट्ठ. भरपूर होने की दशा - अपिच छ धम्मा विचिकिच्छाय 1.124; पापकानं ... अकुसलानं ... अधिवचनं, यदिदं पहानाय संवत्तन्ति बहुस्सुतता ... अधिमोक्खबहुलता, म. अङ्गण न्ति, म. नि. 1.33; घ. सर्वाधिक उपयुक्त पर्यायवाचक नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).296; - मण्ड पु., अधिमोक्ष का सार- शब्द - वीरियस्सेतं अधिवचनं. उदा. अट्ठ. 248; अम्बुचारी, तत्त्व, श्रद्धा-इन्द्रिय - अधिमोक्खमण्डो सद्धिन्द्रियं पटि. म. मच्छस्सेतं अधिवचनं. सु. नि. अट्ठ. 1.91; मुनातीति मनो, 268; - मनसिकार पु.. व. स., अधिमोक्ष एवं मनसिकार चित्तरसेतं अधिवचनं, सु. नि. अट्ठ. 1.116; स. उ. प. के - अधिमोक्खमनसिकारा द्वे येवापनका .... विसुद्धि. 2.99; रूप में द्रष्ट., अनुक्कण्ठिताधि०, खन्धाधिः, गारवाधि., अभि. अव. 28; - लक्खण त्रि., ब. स. [अधिमोक्षलक्षण]. अतीताधि., कुसलाधि. के अन्त., तुल. अधिवुत्ति, अधिमुत्ति, अधिमोक्ष के विशिष्ट लक्षणों वाला - अधिमोक्खलक्षणे विप. वेवचन; - दुक नपुं.. [अधिवचनद्विक], अधिवचनों इन्द8 कारेतीति, ध, स. अट्ठ. 189; उदा. अट्ठ. 248; - अथवा पर्यायों का युग्म दुक्का, द्विकमातिका में अधिवचन सद्धा स्त्री., सुदृढ़ श्रद्धा - ... अधिमोक्खसद्धा बलवत्तरा का उल्लेख - अधिवचनदुकादयो तयो अत्थतो निन्नानाकरणा निबत्तति, विसुद्धि. 2.306; - सम्पसाद पु., अधिमोक्ष में ...., ध. स. अट्ठ. 98; - पथ पु.. [अधिवचनपथ], उक्ति प्राप्त प्रसन्नता या सन्तोष - दुविधो सम्पसादो, अथवा कथन के प्रकार, अभिव्यक्ति की विधाएं, वचन-प्रकार अधिमोक्खसम्पसादो च पटिलाभसम्पसादो च, म. नि. अट्ट. - एत्तावता अधिवचनपथो, दी. नि. 2.49; तयो ... मे, (उप.प.) 3.39; - सम्भव पु., अधिमोक्ष का स्वभाव, निरुत्तिपथा अधिवचनपथा पञ्जत्तिपथा, स. नि. 2(1).66%; अधिमोक्ष का उदय अथवा उत्पत्ति - अधिमोक्खसम्भवतो सब्बेव धम्मा अधिवचनपथा निरुत्तिपथपञ्जत्तिपथा, ध. स. समाधि बलवा होति, अभि. अव. 283; पाठा. अधिमोक्खसंभाव, अट्ठ. 13-16; तुल. ध. स. अट्ठ. 413; व्याख्या के लिए अधिमोक्खसम्भाव. द्रष्ट. ध. स. अट्ठ. 98; - पद नपुं.. [अधिवचनपद], कथन अधिमोचेहि अधि + vमुच के प्रेर., अनु., म. पु., ए. व., क. वाले पद, अभिव्यक्ति-प्रकाशक शब्द - अधिमुत्तिपदानीति अन्य को किसी उद्देश्य-विशेष में पूरी तरह से लगवा अधिवचनपदानि, दी. नि. अट्ट, 1.90; अधिवचनपदानीति दो, रखवा दो या स्थापित करा दो - चित्तं अधिमोचेही, पञत्तिपदानि. लीन. (दी.नि.टी.) 1.125; समाना. स. नि. 3(2).472; अधिमोचेहीति ठपहि, स. नि. अट्ठ. अधिमुत्तिपद; - सम्फस्स पु., नाम अथवा वचन-प्रकार के 3.321. साथ सम्पर्क, संस्पर्श का एक प्रभेद-विशेष - तेसु निमित्तेसु अधिरोह त्रि., स. उ. प. के रूप में ही प्रयुक्त [अधिरोह], ... असति अपि नु खो रूपकाये अधिवचनसम्फस्सो चढ़ाई - गिरिसिखरं दुरधिरोह, मि. प. 294. पञआयेथा ति, दी. नि. 2.48; फस्सो ति चक्खुसम्फस्सो अधिरोहणी स्त्री., सीढ़ी, नसेनी - सोपानो वारोहणं च ... अधिवचनसम्फस्सो ..., महानि. 37; - सम्फस्सज त्रि., निस्सेणी साधिरोहणी, अभि. प. 216. अधिवचन अथवा नामप्रयोग के व्यवहार से उत्पन्न सूक्ष्म For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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