SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 130
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अतिक्कन्त मय्हम्पेतं न रुच्चति, जा. अट्ठ. 1.413; अतिकरमकराचरियाति आचरिय अज्ज त्वं अतिकरं अकरि अतनो करणतो अतिरेक करणं अकरीति अत्थो, तदे.; - कालेन क्रि. वि. [अतिकालं ], बहुत सवेरे, प्रातः काल, तड़के, भोरे भोरे इध, भिक्खवे, अञ्ञतित्थियपुत्रो अतिकालेन गामं पविसति अतिदिवा पटिक्कमति, महाव. 88-89; तेन खो पन समयेन आयस्मा नागदत्तो अतिकालेन गामं पविसति स. नि. 1 (1).232: अतिकालेनाति सब्बरत्तिं निद्दायित्वा बलवपच्चू से कोटिसम्मुज्जनिया थोकं सम्मज्जित्वा मुखं धोवित्वा यागुभिक्खाय पातोव पविसति स. नि. अड. 1.258 - किलमामि अति + √किलम का वर्त, उ० पु०, ए. व., अत्यन्त क्लान्त या श्रान्त होता हूं नितम्मामीति अतिकिलमामि जा० अट्ठ. 4.253; - किलिन्न त्रि, अति + कलम का भू. क. कृ. [ अतिक्लिन्न ], अत्यधिक गीला, अत्यधिक उबाला हुआ (भात या चावल) एकदिवस थोकं जा. अड. 3.338; किलिन्नं ... एक दिवस अतिकिलिन्नं - ... www.kobatirth.org - किस त्रि., [अतिकृश ], अत्यधिक दुबला-पतला सेय्यथापि ... खत्तियकज्ञा नातिकिसा नातिथूला म. नि. 1.122, अतिथूल' (अतिस्थूल) का विलो.; कुद्ध त्रि. [अतिक्रुद्ध], अत्यधिक क्रोधित अच्चुग्गताति अतिकुद्धा जा. अ. 7.276: कुसल त्रि.. [अतिकुशल]. अत्यधिक दक्ष, उच्च-रूप में दक्ष तत्थ अतिसये अतिकुसलो. सद्द 3.881 कोध पु.. [ अतिक्रोध] अत्यधिक क्रोध तत्थ भुसत्थे अतिकोधो, सद्द० 3.881. - अतिक्कन्त त्रि. अति + √कमु का भू क. कृ.. [अतिक्रान्त], 1. बीता हुआ, पार किया हुआ तीणि संवच्छरानि अतिक्कन्तानि जा. अड. 2.105: अनुमासे अतिक्कन्ते तथैव कुत्ते पुन सत्ताहं आगमेहीति आह पे. व. अह. 47. 2. अतिक्रमण कर चुका, आगे बढ़ चुका या पार कर चुका - एवं इमेपि तयो वये अतिक्कन्ता... मरणं उपगमिस्सन्ति ध. प. अट्ठ. 2.73; 3. पराभूत कर चुका, अभिभूत कर चुका - अरहा सब्बभयमतिक्कन्तोति मि. प. 147 अतिक्कन्ता भया सब्बे, थेरगा. 707 स. उ. प. में अन०, काला०, पमाण०, मासा०, यामा०, लोका०, वेला०, सत्ताहा०, हिता० के अन्त० इष्ट० रथ त्रि. ब. स. अपने हित की हानि पहुंचा चुका व्यक्ति अतीतमत्थोति अतीतत्थो अतिक्कन्तत्थो, जा. अड्ड. 5.74 मानुसक त्रि. ब. स. अतिमानवीय, लोकोत्तर, दिव्य, देवी सो दिब्बेन चक्खुना विसुद्धेन अतिकान्तमानुसकेन सत्ते परसामि चवमाने .... " पारा. 5; - 103 अतिक्कमति " मानुस वा मंसचक्खुं अतिकान्तत्ता अतिकान्तमानुसकन्ति वेदितब्ब, पारा. अट्ठ. 1.122; वनथ त्रि०, ब० स०, तृष्णा पर विजय प्राप्त कर चुका व्यक्ति अतिक्कन्तवनथा धीरा, नमो तेसं महेसिन जा. अड. 6.53: तत्थ अतिकन्तवनथाति पहीनतण्हा, तदे。; वर त्रि०, ब० स०, वरदान आदि लौकिक अवस्थाओं से ऊपर उठ चुका व्यक्ति अतिकान्तवरा खो, गोतम, तथागता ति महाव. 105; - वेल त्रि०, ब० स०, सीमा का उल्लङ्घन करने वाला अतिवेलं पभासिताति अतिठान्तवेला पमाणातिक्रमेन भासिता, जा. अड. 1.414सञ्ञी त्रि., [अतिक्रान्तसंज्ञिन्], जो बीत चुका है, उसका ज्ञान रखनेवाला, जो अतिक्रान्त हो चुका है उसका बोध रखनेवाला सत्ताहातिकन्ते अतिकन्तसज्ञी निस्सग्गिय पाचित्तियं, पारा 376; - सत्थुक त्रि., वह जिसका शास्ता दिवंगत हो चुका है नयिदं अतीतसत्थुकं पावचनं खु. पा. अह 89 सील त्रि. ब. स. शील का उल्लङ्घन कर चुका व्यक्ति अच्यन्तसीलासूति अतिकान्तसीलासु जा. अट्ठ. 5.447. ... Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अतिक्कन्तिका स्त्री. सदाचार का अतिक्रमण करने वाली नारी, छिनार, कुलटा किं ते सच्चबलं अस्थि चोरिया हिरिअतिक्कन्तिकाय अन्धजनपलोभिकाया 'ति, मि. प. For Private and Personal Use Only - - 128. अतिक्कम पु०, [अतिक्रम], अतिक्रमण, सीमोल्लङ्घन, निरोध, अन्त, अभिभवन, पराभवन अतिक्रमो त्वतिपातो उपच्चयो अभि. प. 776; अन्तोभावभुसत्या तिसयपूजास्वतिक्कमे अभि. प. 1182 पज्जोतकरो अतिविज्झ सब्बद्वितीन अतिकममदस स. नि. 1 ( 1 ) 224 अतिकममहसाति अतिक्रमभूतं निब्बानमइस स. नि. अड. 1.246; दुक्ख दुक्खसमुप्पाद, दुक्खस्स च अतिक्कम, ध. प. 191; स. उ. प. के रूप में अङ्गा०, लोकधम्मा, अपगमा, आकासा, आरम्मणा, उपचारा, काला, रूपनिमित्ता, वस्साना., विज्ञाणा, हिमपाता. के अन्त द्रष्ट अतिक्कमति अति + √कम का वर्त० प्र० पु०, ए. व., [ अतिक्रामति/ अतिक्रमते / अतिक्राम्यति], 1. शा. अ. आगे निकल जाता है पार कर जाता है उल्लंघन करता है. कतराकर निकल जाता है गामस्स द्वारसमीपेन मग्गेन अतिक्कमति पे. व. अड. 57; मन्दोति सो अञ्ञाणपुग्गलो मातुकुच्छियं वासं नातिक्कमति, जा. अट्ठ 3.213; - मिंसु अद्य. प्र. पु. ब. व. पञ्चमत्तानि सकटसतानि आळारं कालाम निस्साय निस्साय अतिक्कमिंसु दी. नि. 2.99 - - -
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy