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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir ॥७ ॥ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ पद्मनन्दिपञ्चविंशतिका । व्यय और प्रौव्य इनतीनों धर्मोकर सहित है। भावार्थः-इस श्लोकमें ग्रंथकारने नास्तिक आदिके सिद्धांतमें एकांतसे मानाहुवा अत्माका स्वरूप स्वरूप नहीं होसक्ता यह बतलाकर जैन सिद्धांतके अनुसार असली आत्मस्वरूपका निरूपण किया है क्योंकि शून्यवादीका सिद्धांत है कि संसारमें कोई वस्तु विद्यमान नहीं ये जितनेभर स्त्री घर कपड़ा घडा आदि पदार्थ हैं समस्त भ्रमस्वरूप है इसलिये आत्माभी कोई पदार्थ नहीं यहभी एक भ्रमस्वरूपही है इसका आचार्य समाधान देते हैं कि (नो शून्यः) अर्थात् तुमने जो एकांतसे आत्माको शून्य मानरक्खा है यहवात सर्वथा मिथ्या है क्योंकि मैं सुखी हूँ तथा मैं दुखी हूं इत्यादि स्वसंवेदनप्रत्यक्षसे आत्मा प्रत्यक्षसिड है इसलिये सर्वथा शुन्य न कहकर किसी रीतिसे आत्मा शून्य है किसी रीतिसे नहीं है ऐसा आत्माका स्वरूप तुमको मानना चाहिये जच ऐसा मानोंगे तो किसीप्रकारका दोष नहीं आसक्ता क्योंकि पररूपकी अपेक्षासे आत्माकी नास्ति अर्थात् शून्य है किंतु स्वरूपादिकी अपेक्षासे आत्मा विद्यमान ही है जिसप्रकार घट पट इन दोनोंमें घटत्वेन रूपेण तो घट है परंतु पटत्वेन रूपेण नहीं है क्योंकि घटका घटत्वही स्वरूप है पटत्व स्वरूपनहीं किंतु पररूप है उसहीप्रकार आत्माभी अपने आत्मत्वरूप तथा ज्ञानादिगुणोंकी अपेक्षासे मौजूद है परंतु पुद्गलत्व तथा स्पोदि की अपेक्षासे नहीं है क्योंकि आत्माके पुद्गलत्व तथा स्पर्शादिक स्वरूप नहीं पररूप है इसलिये इसरीतिस कथंचित् आत्मा शून्य भी होसक्ता है किन्तु सर्वथा नहीं। तथा नैयायिक यह मानते हैं कि जबतक आत्मा संसारमें रहता है तबतकतो ज्ञानसुख आदिके संबंधस यह ज्ञानीतथा चेतन कहा जासक्ता है किन्तु जिससमय इसकी मोक्ष होजाती है उससमय इसआत्माके साथ किसी प्रकारके ज्ञान सुख आदिका संबंध नहीं रहता। उनका सिद्धान्तभी है कि (नवानामात्मविशेषगुणानामुच्छेदः 16060०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००४ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ ܀ - For Private And Personal
SR No.020521
Book TitlePadmanandi Panchvinshatika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPadmanandi, Gajadharlal Jain
PublisherJain Bharati Bhavan
Publication Year1914
Total Pages527
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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