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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विइओ वग्गो ३१ देवीर पुत्ते काले नामं कुमारे होत्था सुउमाले । तस्स णं कालस्त कुमारस्स पउमावई नाम देवी होत्था, सोमाला [ जाव ] विहरड़ ॥ तर णं सा पउमावई देवी अन्नया कयाइ तसि तारिसगंसि बासघरंसि अब्भिन्तरओ सवित्तकम्मे [जाव] सीहं सु- 5 मिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा | एवं जम्मणं, जहा महाबलहंस, [जाव] नामधेजं - "" अम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स कुमारस्त पुत्ते पउमावईए देवीए अत्तर, तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स नामधेज्जं पउमे पउमे " सेसं जहा महाबल | अट्टओ दाओ । [ जाव] उपि पासायवरगट विहरइ 110 सामी समोसरिए | परिसा निग्गया । कुणिए निग्गए । पउमे वि जहा महावले, निग्गए । तहेव अम्मापिइआपुच्छणा, [जाव] पव्वइट अणगारे जाए [जाव] गुत्त बम्भयारो ॥ तर णं से पउमे अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस 15 अङ्गाई अहिज्जइ । २ बहूहिं चउत्थछहम [ जाव] विहरइ | तर णं से पउमे अणगारे तेणं ओरालेणं, जहा मेहो, तहेव धम्मजागरिया, चिन्ता । एवं जहेव मेहो तहेव समणं भगवं आपूच्छित्ता विउले [ जाच ] पाओवगए समाणे तहारुवाणं थेराणं अन्तिए सामाइयमाइयाई एकारस अङ्गाई, 20 बहुपडिपुण्णाई पञ्च वासाई सामण्णपरियाए । मासियाए संलेहणार सहि भत्ताई । आणुपुवीए कालre | थेरा ओतिण्णा | भगवं गोयमे पुच्छर, सामी कहे, [जाव] सहि For Private and Personal Use Only
SR No.020505
Book TitleNirayavaliyao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA S Gopani, V J Chokshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1934
Total Pages406
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size17 MB
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