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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निरयावलियासु जाव रहमुसलं संगाम संगामेमाणे चेडएणं रना एगाहच्चं कूडाहचं जीवियाओ ववरोविए समागे कालमासे काल किच्चा कहिं गए, कहिं उववन्ने ? " | “गोयमा" इ समणे भगवं गोयमं एवं वयासी-“एवं 5 खलु, गोयमा, काले कुमारे तिहि दन्तिसहस्तेहि जीवियाओ ववरोविए समाणे कालमासे कालं किच्चा चउत्थीब पङ्कप्पभाए पुढवीर हेमामे नरगे दससागरोवमठिइपसु नेरइएसु नेरइयत्ताए उववन्ने" "काले ण, भन्ते, कुमारे केरिसरहिं भोगेहिं केरिसएहिं 10आरम्भेहिं केरिसएहि समारम्भेहिं केरिसएहिं आरम्भसमारम्नेहिं केरिसरहिं संभोगेहिं केरिसएहिं भोगसंभोगेहिं केरिसेण वा असुभकडकम्मपन्भारेणं कालमाले कालं किच्चा चउत्थीए पप्पभाए पुढवोए जाव नेरइयत्तार उववन्ने ?" "एवं खल्लु, गोयमा" 15 तेणं कालेण तेणं समएणं रायगिहे नामं नयरे होत्था, रिद्धस्थिमियसमिद्धे । तत्थ णं रायगिहे नयरे सेणिम नाम राया होत्था, महया' । तस्ल सेणियस्स रन्ना नन्दा नाम देवी होत्था, सोमाला' [जाब] विहरइ । तस्स णं सोणियस्ल रन्नो नन्दाए देवोर अत्तए अभए नालं कुमारे होत्था, सोमाले° 20[जाव] सुरूवे, सामदाणभेयदण्ड°, जहा चित्तो, [जाब रज्जधुराए चिन्तए यावि होत्था । तस्स थे लेणियस्त रन्नो चेल्लुणा नाम देवी होत्था, सोमाला [जाव विहरइ । तए ण सा चेल्लणा देवी अन्नया कयाइ तसि तारिसयंसि वासघरंसि जाय सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा, जहा 25पभावई, [जाव] सुमिणपाढगा पडिविसज्जिया, जाव चेलणा For Private and Personal Use Only
SR No.020505
Book TitleNirayavaliyao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA S Gopani, V J Chokshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1934
Total Pages406
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size17 MB
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