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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ३०७ जिला-थाणा, महाराष्ट्र. टे.फो. ०२५२७-५२१३३ - मदनभाई शाह, ०२५२७-५२६२१ - प्रविणभाई शाह विशेष :- इस भव्य जिनालय की सर्व प्रथम प्रतिष्ठा वि.सं. १९७५ का वैशाख सुदि ६ को हुई थी। यहाँ के मूल गंभारे में श्री गोडीजी पार्श्वनाथ, श्री शान्तिनाथ एवं आदिनाथ प्रभु के अलावा जिनालय में कुल आरस की १२ प्रतिमाजी, पंचधातु की-१० प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-८ एवं अष्टमंगल-१० सुशोभित है। गिरनारजी, सिद्धाचलजी के कांच के पट, अलावा श्री महावीर भगवान एवं श्री पार्श्वप्रभु के जीवन के ऐतिहासिक चित्र भी दर्शनीय हैं। वि.सं. २०१४ में मुनिराज श्री मुक्तिचंद्रविजयजी म. की पावन निश्रा में सेठ पोपटलाल हकमाजी की तरफ से श्री नमिनाथ प्रभु की स्थापना हुई थी। वि.सं. २०१६ में आ. श्री विजयलब्धिसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में शा. अमृतलाल स्वरुपचन्दजी की तरफ से श्री जीरावला पार्श्वनाथ प्रभु की स्थापना हुई थी। वि.सं. २०३७ का मगसर सुदि ९, मंगलवार, ता. १६-१२-८० को परम पूज्य सिद्ध न्ति महोदधि आ. श्री प्रेमसूरीश्वरजी म. के शिष्यरत्न पन्यासजी श्री चंद्रशेखरविजयजी म. की पावन निश्रा में श्री महावीर स्वामी की प्रतिमाजी, तथा दूसरी तरफ देहरी में श्री मुनिसुव्रत स्वामी, श्री महावीर स्वामी, श्री सुविधिनाथ प्रभु तथा उपर के शिखर में श्री ऋषभदेव भगवान, श्री केसरियाजी एवं श्री नेमिनाथ प्रभु की प्रतिष्ठा हुई थी। वि.सं. २०४३ का चैत्र सुदि १३, रविवार, तारीख १२-४-८७ को 'मन्दिरजी के सामने श्री कंचन-कांति - राज - मुक्ति आराधना मंदिर की स्थापना हुई थी। यहाँ एलर्ट यंग ग्रुप शाहपुर, स्नात्र सामायिक मण्डल भक्ति भावना में अग्रसर हैं। (४७१) श्री महावीर स्वामी भगवान चौमुखी शिखरबंदी जिनालय शाहपुर, स्टे. आसनगाँव. (जि.) थाणा, महाराष्ट्र. टे.फो. ऑ. ९११-३१४१८२, घर : ३१४२९७, ३२६५२३ - महेन्द्रभाई विशेष :- श्री चन्दनवाडी श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन ट्रस्ट द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस जिनालय का खनन मुहूर्त २०५२ का जेठ सुदि ९, सोमवार, तारीख २७-५-९६ को एवं शिलान्यास संवत् २०५२ का जेठ सुदि १२, गुरुवार, ता. ३०-५-९६ को परम पूज्य पन्यास श्री अभ्युदयसागरजी म.सा. के शिष्य रत्न प.पू. मुनिराज श्री मुक्तिरत्नसागरजी म.सा. आदि मुनि भगवंतों, साध्वीजी For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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