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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर २७३ श्री आत्म-वल्लभ-समुद्र - इन्द्रदिन्न सूरि समुदाय के आ. श्री विजय रत्नाकरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वीर सं. २५२४, वि.सं. २०५४ का पोष वदि ६, सोमवार, तारीख १९-१-९८ को भव्य प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री शांतिनाथ प्रभु तथा आजुबाजू में श्री विमलनाथ प्रभु तथा श्री अजितनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी एवं ३ मंगलमूर्ति, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२, अष्टमंगल-१, यक्ष-यक्षिणी और आ. श्री वल्लभसूरि म. की प्रतिमाजी बिराजमान है। ___ बाली निवासी श्रीमती वरजुबाई रुपचन्दजी गणेशमलजी के सुपुत्र श्री जयंतिलालजी, श्री महेन्द्रकुमारजी, श्री भरतकुमारजी आदि रांका परिवारने स्वलक्ष्मी का सद्व्यय करके जिन मन्दिर का निर्माण करके प्रतिष्ठा करवाई हैं ।। (४१३) श्री मुनिसुव्रत स्वामी गृहमन्दिर करवालो नगर, (सावरकर नगर), पाणी की टंकी के पास रोड नं. २८, थाणा-६ (महाराष्ट्र). टे. फोन : ५३० १७ ४४ - मनसुखजी, ५३२ ५४ ८४ - मफतलालजी विशेष :- राजस्थान श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा इस गृह मन्दिरजी का भूमि पूजन परम पूज्य आ. श्री कलापूर्णसूरीश्वरजी म.. के शिष्य गणिवर्य श्री मुक्तिचन्द्रविजयजी म., मुनिराज श्री मुनिचन्द्रविजयजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०५४ का श्रावण सुदि १३, गुरुवार, ता. ६-८-९८ को हुआ था। थाणा (पूर्व) (४१४) श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृहमन्दिर ___ मनोहर महल, आनन्द टॉकिज के पीछे, कोपरी कोलिनी, थाणा (पूर्व) महाराष्ट्र टे.फो ऑफिस :५३३ १६५३, घर : ५३७५२५९ किशोरभाई सावला विशेष :- श्री अंचलगच्छ जैनाचार्य श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. के समुदाय के मुनिराज श्री देवरत्नसागरजी म. की पावन निश्रामें शिलान्यास २०५४ का श्रावण सुदि १३ को हुआ था। यहाँ मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी तथा आजुबाजु श्री विमलनाथ एवं श्री अजितनाथ बिराजमान होंगे । श्री बांकेलाल दीनदयाल अग्रवाल की तरफ से इस गृह जिनालय के लिये भूमि सप्रेम भेट प्राप्त हुई हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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