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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २७२ www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु सहित आजू बाजू में श्री सुमतिनाथ भगवान एवं पार्श्वनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२, अष्टमंगल - १ श्री गुरू गौतम स्वामी, आ. श्री राजेन्द्रसूरि, गरुडयक्ष एवं निर्वाणीदेवी भी बिराजमान हैं अलावा I मन्दिर पहले माले पर हैं, उपाश्रय नीचे के भाग में, वहाँ श्री राजेन्द्रसूरि ज्ञानमन्दिर हैं । विशेष पदयात्रा :- ता. १-१-९५ से ३१ - १२-९५ तक थाणे तीर्थ श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिनालय से मानपाडा शान्तिधाम तक (जो लगभग ५ कि.मी. दूरी पर हैं) १०८ पद यात्रा के कार्यक्रम में ५७५ भाविकजनोने भाग लिया था । आयोजक परिवार की तरफसे इन सभी ५७५ भाविकजनो ( पदयात्रियों) को विमान द्वारा पालीताणा की यात्रा करायी गयी थी । जैन इतिहास में प्रथम ऐसा आयोजन रहा, जिसमें श्वेताम्बर, दिगम्बर, स्थानक, तेरापंथी के अलावा जैनेतर भाई भी । जिसका समापन कार्य परम पूज्य आ. श्री जयन्तसेन सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में ता. ७-१-९६ को खूब ही उत्साह एवं दिल हिलानेवाला था। जिसके संयोजक के. के. संघवी और आयोजक का भार श्री कुंदनमलजी भूताजी परिवारवालोने लिया था । ❀ ❀ (४११) श्री शान्तिनाथ भगवान गृहमन्दिर ३०१, ३०६ अभिषेक हाइट्स, तीसरा माला, खारकर आली, थाणा, (महाराष्ट्र ) टे. फोन : (ऑ) ५४४२०५९, (घर) : ५३७ १७४० (४१२) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विशेष :- इस गृहमन्दिर के संस्थापक एवं संचालक श्रेष्ठिवर्य श्री जुगराजजी कुन्दनमलजी संघवी (जे.के. संघवी, थाणा मुंबई से प्रकाशित मासिक शाश्वत धर्म के सम्पादकजी) आहोर (राज.) निवासी हैं । यहाँ मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु की आरस की एक प्रतिमाजी, तथा गुरु गौतम स्वामी, आ. श्री राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. तथा सरस्वतीदेवी की पाषाण की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। फिलहाल यहाँ पर वासक्षेप से पूजा होती हैं । श्री शान्तिनाथ भगवान शिखरबंदी जिनालय आत्मवल्लभ रुप प्लाजा बिल्डिंग, स्टेशन रोड, थाणा (महाराष्ट्र) टे. फोन : (ऑ) ५३६९७७५, ५३६ ४१९५ जयंतिभाई विशेष :- परम पूज्य पंजाब केशरी, मरुधर देश उद्धारक जैनाचार्य श्री विजय वल्लभसूरीश्वरजी म. समुदाय के परमार क्षत्रियोद्धारक गुरुदेव श्री विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म.सा. एवं उनके शिष्यरत्न आ. श्री विजय रत्नाकरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में इस जिनालय का खात मुहूर्त वि.सं. २०५२ का वैशाख वदि ११, सोमवार, ता. १३-५-९६ को तथा शिला स्थापना वि.सं. २०५२ का जेठ सुदि ५, बुधवार, ता. २२-५-९६ को हुई थी । For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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