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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर श्री महावीर स्वामी भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, आरस की मंगलमूर्ति - ३, पंचधातु की प्रतिमाजी ८, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - २ तथा पार्श्व यक्ष एवं पद्मावती देवी तथा गौतमस्वामी और आ. श्री राजेन्द्रसूरिश्वरजी महाराज की प्रतिमाजी बिराजमान है । (४०१ ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जू में श्री राजेन्द्रसूरि वर्धन एण्ड गोवाणी भवन हैं। दानवीर सेठ श्री घमंडीरामजी गोवाणी की पाषाण से बनाई प्रतिकृति सुशोभित हैं। ❀ श्री सुमतिनाथ भगवान गृह मन्दिर नवर विलेज रोड, नारायण सेवा मण्डल के सामने, मुलुण्ड (पूर्व), मुम्बई - ४०० ०८१. टे. फोन : ऑ. ५६४ ५४ १४, विजयभाई मेहता - ५६१५३५२. २६५ विशेष :- स्व. मातुश्री मणिबाई शिवजी माता गाम लाला (कच्छ) के स्मरणार्थे माता परिवार की तरफ से मन्दिरजी का रूम बनवा कर संघ को अर्पण किया है। अंचलगच्छ समुदाय के आचार्य श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. की शुभ प्रेरणा व पावन निश्रा प्रथम प्रतिष्ठा वि.सं. २०४१, काति वदि ६ को हुई थी । पुनः प्रतिष्ठा वि.सं. २०५० का वैशाख वदि ५ को हुई थी । यहाँ मूलनायक श्री सुमतिनाथ प्रभु की पाषाण की एक प्रतिमाजी, पंचधातु की ८ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी- ४, अष्टमंगल-१ एवं ताँबे का यंत्र सुशोभित हैं । I साधु-साध्वीजी म. साहेब के लिये उपाश्रय, देसाई रोड गणेश टॉकीज के बाजू में गोखले रोड पर आया हैं। यहाँ सुमति जिन मित्र मण्डल, अरुण जिन गुण महिला मण्डल, गौतम नीति गुणसागरसूरि जैन पाठशाला एवं श्री लावण्य सामायिक मण्डल की व्यवस्था हैं । ❀ ❀ (४०२) श्री पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर जिन प्रसाद बिल्डिंग, तीसरा माला, आगाशी उपर, गावडे विझे स्कीम रोड न. १, मुलुण्ड (पूर्व), मुम्बई - टे. फोन : श्री प्रेमचन्द लखमण ५६७६०१०, श्री सोभागचन्द - ५६००९३१ -४०००८१. For Private and Personal Use Only विशेष :- श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ जैन संघ ( मुलुण्ड - पूर्व ) जिसकी स्थापना वि.सं. २०४१ में हुई थी । इस संघ के द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर के मूलनायक श्री पार्श्वनाथ प्रभु की अंजनशलाका पूज्यपाद शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्री मोहन प्रतापधर्मसूरीश्वरजी म. समुदाय के शतावधानी आ. भ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. की पुण्य निश्रामें माटुंगा में वि.सं. २०४२ का फागुण सुदि २ को हुई थी, और चल प्रतिष्ठा कवि कुल किरीट आ.
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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