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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २१६ (३३९) www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर हिन्द को. सोसायटी, वृन्दावन बिल्डिंग नं. ७ कम्पाउंड में, करोड, एन. एस. मंकीकर मार्ग, सायन (पूर्व), मुंबई - ४०० ०२२, टेलिफोन नं. - ४०९४३९९ - जयन्तीभाई - ४०७२९७७ विशेष :- इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री शान्तिनाथ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ है। श्री जयन्तीभाई मेहता की सेवा अनुमोदनीय हैं। ( ३४० ) इस जिनालय की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०३२ का फागुन सुदि ४ को हुई थी । यहाँ चेम्बूरतीर्थ से प्राप्त मूलनायक श्री शान्तिनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में श्री मुनिसुव्रतस्वामी एवं श्री नेमिनाथ प्रभुकी आरस की ३ प्रतिमाजी, पंचधातुकी २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी २ एवं अष्टमंगल १ बिराजमान है | बाजू के कमरे में आरस की कोतरणी पर बनाया गया शत्रुंजय पट दर्शनीय है । श्री कान्तिलाल छगनलाल शाह जैन पाढशाला तथा श्री वृन्दावन सोसायटी महिला मंडल की व्यवस्था हैं । सायन - धारावी श्री महावीरस्वामी भगवान गृह मन्दिर धारावी मेन रोड, काला किल्ला, धारावी, मुंबई - ४०००१७. टेलिफोन नं. - ४०९२५१४ - रोणजी टी.वी. वाला, ६०४ ४६ ६८ (घर), ४०७ १३ १४ - शंकरजी (ओ.) विशेष :- इस मन्दिर की स्थापना वि.सं. २०१९ का माह सुदि १३ को शेठ श्री मकुचन्दजी के कर कमलो द्वारा हुई थी। उसके बाद तो संसार त्याग कर जैन श्वेताम्बर मुनिराज बन गये । For Private and Personal Use Only यह मन्दिर पहले माले पर आया है । यहाँ आरस के ३ प्रतिमाजी, पंच धातु के ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी -२, अष्टमंगल १ तथा दिवार पर भैरुजी का सुन्दर कांच का चित्र है । शत्रुंजय तीर्थ व राणकपुर तीर्थ सुशोभित है । पावापुरी शोकेस भी दर्शनीय है ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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