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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १८२ मुंबई के जैन मन्दिर इस जिनालय का भूमि पूजन वि.सं. २०५० का वैशाख सुदि-३ अक्षय तृतीया को तथा शिलान्यास वि.सं. २०५० का वैशाख सुदि ११ को हुआ था। शासन सम्राट् पूज्यपाद नेमिसूरीश्वरजी म. समुदाय के एवं आ. विजय अमृत सूरीश्वरजी म. परिवार के श्रीमद् विजय विशालसेन सूरीश्वरजी म. (श्री विराट) आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५१ का वैशाख सुदि ७ रविवार ता. ७-५-९५ को प्रतिष्ठा हुई थी। मूलनायक भगवान श्री पार्श्वनाथ भ. १४' की गादी, ३१" प्रतिमाजी, ३१" नागराज धरणेन्द्र, कुल ७६” तथा आजू बाजू में श्री सुमतिनाथजी, श्री मुनिसुव्रत स्वामी, श्री सीमंधर स्वामी की देरी में दोनो गोखलो में श्री शांतिनाथजी एवं श्री कुंथुनाथजी की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। उपर के गंभारे में मूलनायक श्री पीयूषपाणि पार्श्वनाथ प्रभु २७” तथा आजू बाजू में श्री धर्मनाथजी १७” श्री शांतिनाथजी १७” के अलावा पंचधातु के प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी, एवं श्री मणिभद्र वीर तथा श्री पद्मावती माताजी भी बिराजमान हैं। परम पूज्य आ. विजय विशालसेन सरीश्वरजी म., पू. आ. विजय राजशेखर सूरीश्वरजी म., पू. आ. विजय विमलभद्र सूरीश्वरजी म. आदि की पावन निश्रा में वि.सं. २०५३ का वैशाख सुदि ११ रविवार तारीख १८-५-९७ को पुन: प्रतिष्ठा महोत्सव सम्पन्न हुआ था। इस दिन आरस के ४ प्रतिमाजी, पंच धातु के ३ प्रतिमाजी तथा श्री नाकोड़ा भैरुजी एवं श्री घंटाकर्ण वीर की प्रतिष्ठा हुई थी। महावीरधाम (२९३) श्री महावीर स्वामी भगवान भव्य शिखर बंदी जिनालय नेशनल हाइवे नं. ८ बंगले के बाजू में, के.टी. रीसोर्ट के सामने, सीरसाड, तालुका-वसई, जिला-थाणा (महाराष्ट्र) टे.फो. ऑफिस : ९१२-५७१००३ ट्रस्ट ऑफिस : १०१ श्री भैरवनाथ भवन, ४१-४३ ___ मुम्बादेवी रोड, पायधुनी विजय वल्लभ चौक, मुंबई-४०००३. - सुरेन्द्रभाई : ऑफिस-३४३ ८१ ५२, ३४३ ८४ ७८, घर : ३६३ ५० २० विशेष :- वि.सं. २०३३ के वालकेश्वर में चातुर्मास पुरा करके विहार करके पू.आ.भ. श्री सुबोधसागर सूरीश्वरजी म. जब नैसर्गिक स्वर्ग समान सीरसाड टेकरी की ओर पधारे तो उन्होंने सोचा, यह अति रमणीय स्थान हैं। अगर इस स्थान पर साधु-साध्वीजी म. के विराम करने के लिये उपाश्रय हो जाए तो थकावट दूर हो जावे। थोडे ही वर्षो में लोद्रा निवासी उदार चरित श्री चंपकलाल कांतिलाल शाह एवं उनके परम मित्र जाम नगर हाल मुंबई निवासी विनोदराय बचुभाई दोशी उन्होंने पूज्यपादश्रीकी भावना को चरितार्थ करने के लिए वि.सं. २०३९ वे वर्ष में उपाश्रय के निर्माण के कार्य का श्री गणेश किया। उपाश्रय के स्वप्न For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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