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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १७५ विजय ललितशेखर सूरीश्वरजी म., प.पू. आ. श्री विजय राजशेखर सूरीश्वरजी म., प.पू.आ. श्री विजय वीर शेखर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०५४ का वैशाख वद ११ शुक्रवार ता. २२-५-९८ को ठाठ माठ से हुआ था। (२८३) श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ भगवान गृहमन्दिर श्रीपाल कॉम्लेक्ष, न्यु शिवम् के सामने पोस्ट - विरार (वे.), विरार - आगाशी रोड, स्टे. विरार जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन-९१२-५०४० ४३ सुरेशभाई, ९१२-५०४८६२ - दिनेशभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ है। सिद्धान्त महोदधि प्रेम + रामचन्द्रसूरि समुदाय के आचार्य भगवंत श्री विजय ललित शेखर सूरीश्वरजी म. के. शिष्य आ. भ. श्री विजय राजशेखरसूरीश्वरजी म. के. शिष्य आ. श्री विजय वीरशेखर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि. सं. २०५४ का भादवा सुदि १ ता. २३-८-९८ रविवार को भगवान बिराजमान किये थे। यहाँ पाषाण की भीडभंजन पार्श्वनाथ भगवान की एक प्रतिमाजी, पंचधातु की एक प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ बिराजमान है। यहाँ भीडभंजन पार्श्वनाथ महिला मंडल भी है। (२८४) श्री आदिनाथ भगवान गृह मन्दिर कुसुम विहार, डी बिल्डींग ग्राउण्ड फ्लोर, एम. बी. इस्टेट, दत्तमन्दिर रोड, विरार - आगाशी रोड, स्टे. विरार जि. थाणा (महाराष्ट्र). टेलिफोन-९१२ - ५०४७७२ नेनमलजी, ९१२ - ५०१ ०६७ -चंपालालजी विशेष :- यहाँ के गृह मन्दिरजी का संचालन कुसुम विहार के जैन भाईयो की तरफ से हो रहा हैं। इसकी स्थापना वि. सं. २०४६ का आषाढ सुदि - १० को हुई थी। यहाँ पंचधातु की एक प्रतिमाजी एवं एक सिद्धचक्रजी सुशोभित है। (२८५) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान कमलाकार जिनालय आगाशी - विरार रोड, चेकनाका, चुंगी चौकी नं. १ के पास, स्टे. विरार, जि. थाणा (महाराष्ट्र) टेलिफोन श्री रुपेशभाई (नागोरवाले)-६३१ २० ४१, अनिल जे. शाह-३८६ ८१ १२, ३८५ ३० ७४, मिश्रीमलजी - ५४७ १० ८८, ५४७ ०० ९१ (R.) For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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