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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १६६ (२६७) www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वसई रोड (पश्चिम) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर रेलवे स्टेशन के सामने, पहला माला, वसई रोड, जि. थाणा - महाराष्ट्र, टे. फोन : ९१२ - ३२२२५९, ३२२२९५ रतिलालभाई मुंबई के जैन मन्दिर विशेष :- श्री वसई रोड जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ की तरफ से सर्व प्रथम वि.सं. २०१३ के वर्ष में उपाश्रय की स्थापना हुई थी । बाद में १७ वर्षों के बाद.... जिनालय के प्रेरक पूज्यपाद युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. प्रेरणा से वि.सं. २०३० में यहाँ रमणीय श्री संभवनाथ जिनालय का निर्माण हुआ और उनमें प्रतिष्ठित करने के लिये श्री संभवनाथ प्रभु वगैरह ३ पाषाण प्रतिमाओं की अंजनशलाका उसी वर्ष फागुण वदि-६ आपश्री की निश्रा में धोलवड में हुई थी बाद में परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०३०, वीर सं. २५०० वैशाख वद ११ शुक्रवार ता. १८-५-७४ को चल प्रतिष्ठा महोत्सव बडे ठाठमाठ से हुआ था । यहाँ मूलनायक श्री संभवनाथजी तथा आजू बाजू में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ एवं श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी- २, अष्टमंगल-२, तथा त्रिमुखदेव यक्ष, दुरितारि देवी यक्षिणी तथा बाहर की ओर श्री मणिभद्रवीर की प्रतिमाजी बिराजमान हैं। मंदिरजी में चारो तरफ नयी डिझाइनो से रंगीन कांचो को सजाकर मन्दिरजी की शोभा में वृद्धि की गयी हैं। जो बहुत ही आकर्षक और सुन्दर हैं । यहाँ उपासरा, श्री संभवनाथ जैन युवक मण्डल, श्री संभवनाथ जैन महिला मंडल तथा जैन पाठशाला भी चालु हैं। ओलियो के दिनों में आयंबिल करने की व्यवस्था हैं । नूतन आलीशान जैन उपाश्रय जिनालय की प्रतिष्ठा के समय प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजयधर्म सूरीश्वरजी म.सा. की दीर्घद्दष्टि पूर्ण प्रेरणा से अंबाडी रोड पर नूतन जैन उपाश्रय का निर्माण के लिये श्री संघने एक बड़ा भूमिखण्ड खरीद लिया था । - युगदिवाकर गुरु भगवंत का देवलोक होने के बाद प. पू. आचार्य भगवंत श्री विजय सूर्योदयसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा और मार्गदर्शन मुताबिक उस भूमि खण्ड पर तीन मजली विशाल जैन उपाश्रय का आयोजन श्री संघने किया और वि.सं. २०४४ के चैत्र वदि ५ के दिन पू. आ.भ. श्री विजय महानन्द सूरीश्वरजी म. और पू. आ. भ. श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म.सा. की पुण्य निश्रा में नूतन उपाश्रय की भूमिपूजन खनन शिलास्थापना हुई थी । उपाश्रय पूर्ण तैयार होने के बाद वि.सं. २०५१ के फागुण वदि ११ को उस उपाश्रय का उद्घाटन, संघ प्रमुख श्री रतिलाल सोमचन्द शाह के शुभ हस्तो से प.पू. आ.भ. श्री कनकरत्न सूरीश्वरजी, प. पू. आ. भ. श्री For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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