SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 238
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४८ मुंबई के जैन मन्दिर यहाँ पंचधातु की श्री आदिनाथ तथा श्री शान्तिनाथ की २-प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२ एवं अष्टमंगल-१ सुशोभित हैं। किसी भी पूजारी की सेवा लिये बिना यहाँ के सभी भाई मिलकर प्रभु पूजा तथा गृह मन्दिर की सफाई अपने हाथो से करते हैं। (२३८) __ श्री पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर __ गोपाल विहार D-17, दूसरा माला, नवागाम लक्ष्मण म्हात्रे रोड, दहिसर (प.), मुंबई-४०० ०६८. टे. फोन : ८९५ ४२ १४-राजूभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री राजुभाई सोमचन्द शाह हैं। आपके गृह मन्दिर में १८ अभिषेक की हुई पाषाण की एक प्रतिमाजी श्री पार्श्वनाथ प्रभु तथा पंचधातु के एक सिद्धचक्रजी सुशोभित हैं। इस गृह मन्दिरजी की स्थापना पूज्यपाद युग दिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी समुदाय के परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतों की पावन निश्रा में वि.सं. २०५१ का जेठ वदी-९ को हुई थी। (दहिसर (पूर्व) (२३९) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर निर्मला निकेतन, ग्राउण्ड फ्लोर, मराठा कॉलोनी रोड, दहिसर (पूर्व), मुंबई-४०० ०६८. टे. फोन : ८९५ २३ ८२ - चांपशी खीमजी गोगारी विशेष :- श्री वागड वीशा ओसवाल श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस जिनालय की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. विजय भुवनभानु सूरीश्वरजी म. के परिवार के आ. विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०५१ का माह सुद-१० को हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री संभवनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में श्री आदिनाथ प्रभु श्री शान्तिनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-२, एवं अष्टमंगल-१ शोभायमान हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy