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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १४३ सूरीश्वरजी म.सा., पू.आ.भ. श्री विजय महानन्द सूरीश्वरजी म.सा., पू. आ.भ. श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म.सा. आदि मुनि भगवन्तो की पुण्य निश्रा में वि. सं. २०५५, माह मास में होगा। प्रतिष्ठा होने के बाद नूतन भव्य उपाश्रय का निर्माण का आयोजन होने वाला है। यहाँ कायमी आयंबिल शाला, भव्य उपासरा, पू. आ. श्री कीर्तिचन्दसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से श्री दीवालीबाई दामजीभाई आराधना होल, श्री संभव जिन पुस्तकालय, लक्ष्मण कीर्ति महिला मण्डल, सेवा मण्डल, स्नात्र मंडल तथा जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। (२३१) श्री धर्मनाथ भगवान गृह मन्दिर कार्टर रोड नं. १, मधु पार्क, ग्राउन्ड फ्लोर, चिंचपाडा रोड, बोरिवली (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६६. टे. फोन : ८०६ ०१ ०३ - सतीशभाई - ८०१ १० १३ - अशोकभाई विशेष :- श्री धर्मवर्धक श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृहमन्दिर का निर्माण श्री जिन शासन आराधना ट्रस्ट के सहकार से हुआ हैं। इस मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. श्री विजय हेमचंद्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में वि.सं. २०५०, वीर सं. २५२० का जेठ वद ४ सोमवार ता. २७-६-१९९४ को हुई थी। यहाँ पाषाण की मूलनायक श्री धर्मनाथ प्रभु के आजूबाजू में श्री शान्तिनाथ प्रभु, श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी १ एवं अष्टमंगल १ तथा श्री गौतम स्वामी व श्री मणिभद्रवीर की प्रतिमाजी तथा शत्रुजय तीर्थ का पट भी दर्शनीय हैं। (२३२) __ श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर कार्टर रोड नं. १, कस्तुरबा रोड, क्रोस नं. १, ठाकुर निवास, ग्राऊन्ड फ्लोर, बोरिवली (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६६. टे. फोन : ८६४ ०१ ३६ घर : ८०५ ७६५६ ओ. - प्रकाशभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री प्रकाशभाई मोहनलालजी सिरोया परिवारवाले हैं। परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजय जयघोषसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५० का वैशाख सुदि १० को चल प्रतिष्ठा हुई थी। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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