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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४२ मुंबई के जैन मन्दिर (२३०) श्री संभवनाथ भगवान भव्य शिखरबद्ध जिनालय पुरुषोत्तम पार्क, कस्तुरबा रोड, क्रॉस लेन नं. ४, बोरीवली (पूर्व), मुंबई-४०० ०६६. टे. ऑफिस : ८०५ ८९ ०८, ८०५ ७९ ६० - दामजीभाई विशेष :-प.पू. आचार्य भगवंत श्री विजय मोहन-प्रताप सूरीश्वर के पट्टधर पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्म सूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा व मार्गदर्शन से श्री संभवनाथ प्रभु के गृहजिनालय का निर्माण वि.सं. २०२७ में हुआ था और उसी २०२७ के वर्ष में जेठ वदि-१० शुक्रवार ता. १८-६-७१ के दिन प्रतिष्ठा आपकी पुण्यनिश्रा में हुई थी। इस मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक बोरीवली (पूर्व) श्री पुरुषोत्तम पार्क जैन श्वे.मू. संघ हैं। यहाँ पाषाण की ७ प्रतिमाजी, पंच धातु की १२ प्रतिमाजी, ७ सिद्धचक्रजी और १ अष्टमंगल हैं । यहाँ पर्युषण पर्व के दिनों में श्री महावीर जन्म वांचन के बाद दो बार अमीझरणा हो चूका हैं। मन्दिर के बाजू में प.पू. युग दिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजयधर्म सूरीश्वरजी म.सा. की प्रबल प्रेरणा व प्रभाव से बडा प्रवचन होल और उपाश्रय बनाया गया हैं। _ वि.सं. २०५२ में गृह जिनालय का रजत महोत्सव पू. आचार्य भगवंत श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म.सा. आदि की शुभ निश्रा में बड़े धामधूम से मनाया गया था। प.पू. युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजयधर्मसूरीश्वर परिवार के प.पू. शासन प्रभावक आचार्य भगवंत श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणा और मार्गदर्शन से उनकी निश्रा में गृह जिनालय के स्थान पर पूरा मारबल का बड़ा शिखरबद्ध जिनालय आजकल बन रहा हैं। जिसका भूमि पूजन-खनन विधान वि.सं. २०५४ का कार्तिक वद ११ को और शिला स्थापना विधान वि.सं. २०५४ का मगसर सुदि ७ को आप की निश्रा में बड़ी धामधूम से हुआ था। दोनों दिन साधर्मिक वात्सल्य का आयोजन हुआ था। नये शिखरबद्ध जिनालय में मूलनायक भगवंत, पुराने गृह जिनालय के मूलनायक श्री संभवनाथ भगवान ही रहेंगे। उनका विशाल नये ढंग का परिकर और दूसरे दो प्रभुजी श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथजी और श्री अमीझरा पार्श्वनाथजी का नवीन परिकर बन चूका हैं । इस नये मन्दिरजी में पुराने मन्दिरजी की प्रतिमाओं के साथ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ, श्री अमीझरा पार्श्वनाथ, श्री सीमन्धर स्वामी, श्री महावीर स्वामीजी, श्री शान्तिनाथजी, श्री वासुपूज्य स्वामीजी, श्री गौतम स्वामीजी, श्री पुण्डरीक स्वामीजी की नई प्रतिमाजी बिराजमान होगी, श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्णवीर, श्रीनाकोडा भैरवजी, श्री पद्मावती माताजी की स्थापना भी होनेवाली हैं। नये शिखरबद्ध जिनालय का भव्य अंजन शलाका और प्रतिष्ठा महोत्सव वि.सं. २०५५ में पू.आ. भ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. के परिवार के पू.आ.भ. श्री विजय कनकरत्न For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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