SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 206
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ११६ www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर विशेष : :- इस मन्दिरजी के संस्थापक और संचालक श्रीमती जडीबाई जेठालाल शाह तथा उनके पुत्र देवचन्द सेठ एवं उनकी प्रथम पत्नी श्री चम्पादेवी, द्वितीय पत्नी श्री शान्तादेवी थे । आजकल श्री शांतिनाथ जिनालय ट्रस्ट के मेनेजींग ट्रस्टी श्री सुरेशभाई देवचंद संघवी आदि संचालन कर रहे हैं। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शासन सम्राट आ. भगवंत श्री नेमिसूरीश्वरजी महाराज समुदाय के आ. भ. श्री विजय लावण्य सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २०१३ का माह वद ३, रविवार, वीर सं. २४८३ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ पाषाण के ११ प्रतिमाजी, पंच धातु की १३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ६ तथा अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। गंभारे के पीछे की ओर श्री गौतमस्वामी एवं श्री नेमिसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी राज हैं। दिवारो पर बनाये गये आरस के तीर्थो में श्री शत्रुंजय, श्री गिरनारजी, श्री अष्टापदजी, श्री कच्छ भद्रेश्वर, श्री नंदीश्वर द्वीप, श्री आबुजी, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री गुणियाजी तथा अनेक ऐतिहासिक महापुरुषो के जीवनके चित्रो से मन्दिरजी को भरा हुआ देखकर मन भक्तिभाव में डुब जाता हैं। इन सब तीर्थ पटो की रचना और १८ अभिषेक विधि वि. सं. २०२० में पूज्यपाद सिद्धान्त निष्ठ आचार्य भगवंत श्री विजय प्रतापसूरीश्वरजी म. एवं प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से उनकी निश्रा में हुई थी । उन्ही गुरुदेवो की निश्रा में यहाँ वि. सं. २०२३ में उपधान तप की भव्य आराधना हुई थी। वि. सं. २०३८ में युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की निश्रा में आपके जीवन की अन्तिम उपधान तप आराधना बडे ठाठ से यहाँ हुई थी । मन्दिरजी के बाजू में प. पू. युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा से निर्मित रुपाल निवासी सेठ प्रेमचंद मगनलाल शाह जैन उपाश्रय और श्री विजय प्रतापसूरि जैन पाठशाला हैं, श्री शान्तिनाथ महिला मंडल, श्री वर्धमान तप आयंबिल शाला, श्री हरसोल सत्तावीश जैन महिला मण्डल, श्री शान्तिनाथ बालिका मंडल की भी व्यवस्था हैं । (१९१) आजकल प. पू. आ. भ. श्री विजयसूर्योदयसूरीश्वरजी म. सा. के मार्गदर्शन से जिनालय के स्थान पर नूतन भव्य शिखरबद्ध जिनालय और विशाल उपाश्रय का आयोजन ट्रस्टी मंडल और देवचन्द नगर जैन तपा. संघ के द्वारा हो रहा हैं । ॐ ❀ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर ओम. पी. जैन कम्पाउन्ड, पारेख एपार्टमेन्ट के पीछे, राहेजा टाउन शीप, मलाड (पूर्व), मुंबई - ४०००९७. टे. फोन : ८४० १३६४ चंपकलालभाई, ८४० ३९०६ प्रवीणभाई For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy