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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११२ मुंबई के जैन मन्दिर श्री जयानन्द सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री कनकरत्न सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री महानन्द सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री सूर्योदय सूरीश्वरजी म. आदि मुनिमंडल की पुण्य निश्रा में वि. सं. २०४७ के मगसर मास में हुई थी। नूतन जिनालय में भगवान का प्रवेश वि. सं. २०५२, माह मासमें २६ जनवरी १९९६ को परम पूज्य आ. श्री विजय कनकरत्न सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री विजय महानन्द सूरीश्वरजी म. एवं प. पू. आ. श्री विजय सूर्योदय सूरीश्वरजी म. आदि की शुभ निश्रा में हुआ था। नूतन जिनालय में श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ - कुरार विलेज की उदार भावना से तलेगाम हाल मुंबई निवासी श्रीमान सेठ श्री शान्तिलाल लीलाचन्द गुन्दरवाला की मंगल भावना से सुलोचनाबेन शान्तिलाल लीलाचन्द गुन्दरवाला परिवार को मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की प्रतिष्ठा और कायमी ध्वजा दंड का आदेश देने में आया हैं। पुराने मंदिरमें भी उनका आदेश था। परम पूज्य मोहन - प्रताप - धर्म - यशोदेवसूरीश्वरजी म. के परिवार के शतावधानी आ. श्री विजय जयानन्द सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में इस भव्य जिनालय का निर्माण हुआ हैं तथा पू. आ. श्री विजय कनकरत्न सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री महानन्द सूरीश्वरजी म. प. पू. आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री पूर्णानन्दसूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री महाबल सूरीश्वरजी म., प. पू. आ. श्री पद्मानन्द सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५२, वीर संवत २५२२ वैशाख सुद ७ गुरुवार ता. २५-४-९६ को भव्य अंजनशलाका और प्रतिष्ठा महोत्सव बढे ठाठ से हुआ था । जिनालय के नीचे ग्राउन्ड फ्लोर पर ओफिस एवं आ. श्री विजयप्रतापसूरीश्वरजी म., आ. श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. और आ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म. एवं श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्णवीर, श्री पद्मावती देवी, श्री लक्ष्मीदेवी सभी की अलग अलग देहरियाँ शोभायमान हैं। उपर जिनालय के मूल गंभारे में पाषाण की मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी सहित ११ प्रतिमाजी, पंच धातु की ७ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - १ तथा वरुण यक्ष, नरदत्ता यक्षिणी, श्री गौतम स्वामी, श्री पुंडरीक स्वामी की प्रतिमा बिराजमान हैं। __ यहाँ नूतन भव्य उपासरा, जैन पाठशाला एवं श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन महिला मंडल की व्यवस्था हैं। नेशनल हाईवे से लेकर जैन मन्दिर के पास के मार्ग का 'आ. श्री. धर्मसूरीश्वरजी मार्ग' नामकरण नगरपालिका ने किया हैं। (१८२) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर रोनक भुवन कम्पाउन्ड में, बचाजी नगर रोड, पुष्पापार्क नं. १ के सामने, मलाड (पूर्व), मुंबई - ४०० ०९७. टे. फोन : हेड ओफिस - ८८३ ०० ९६ For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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