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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर १०९ आप श्री के गृह मन्दिर की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य भुवन भानु सूरीश्वरजी म. के समुदाय के आ. विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. संवत २०४९ का जेठ वद ७ को हुई थी। यहाँ पंचधातु की शांतिनाथ प्रभु की एक प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ एवं अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं। (१७६) श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर १/वोरा आशिष बिल्डींग, ग्राउन्ड फ्लोर, पंडित सोलीसीटर मार्ग, मेन रोड, राणी सती मार्ग, मलाड (पूर्व), मुंबई - ४०० ०९७. टे. फोन : ८८०१६ ५४ विजयभाई विशेष :- सर्व प्रथम श्री विजयभाई के अपने पुराने निवास स्थान ४५ उद्यम कुंझ के चौथे माले पर वि. सं. २०५० का वैशाख सुद पंचमी को परम पूज्य आ. विजय भुवन भानु सूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. विजय जयघोष सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में चल प्रतिष्ठा हुई थी। आपके नूतन निवास स्थान 'वोरा आशिष' में पुन: चल प्रतिष्ठा वि. सं. २०५३ का आषाढ वद ६ को हुई थी। यहाँ पंच धातु की मूलनायक श्री संभवनाथ प्रभु की १ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ तथा गुरू गौतम की एक प्रतिमाजी सुशोभित हैं। (१७७) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर नीलकंठ बिल्डींग, सूचक होस्पिटल के बाजू में, ग्राऊन्ड फ्लोर, राणी सती मार्ग, __ कुंवारी रोड, मलाड (पूर्व), मुंबई - ४०० ०९७. टे. फोन : जयन्तिलालजी - ओ. ८४० ०२ ७२, घर - ८८३ ४९ २८, सुरेश कुमारजी - ८४१ १७ १५ विशेष :- परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पति विजय रामचंद्र सूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य विजय सुदर्शनसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २०२९ का मगसरं सुद ८ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। इस मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्री गणपतलालजी सेसमलजी परिवार वाले हैं। आत्म - वल्लभ - समुद्र - इन्द्रदिन्न सूरीश्वरजी म. के शिष्य रत्न आचार्य विजय रत्नाकर सूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से वि. सं. २०५१ का आसौ सुद ३ बुधवार ता. २७-९-९५ को श्री राजस्थान आदिनाथ जैन संघ - राणी सती मार्ग की स्थापना हुई थी, और इसी दिन सेठ श्री गणपतलालजी सेसमलजी परिवार वालो ने श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर, श्री राजस्थान आदिनाथ जैन संघ को सप्रेम भेट दिया था। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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