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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर प्रभु एवं श्री संभवनाथ तथा सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल १ एवं गुरु गौतम स्वामीजी की एक प्रतिमाजी बिराजमान हैं। परम पूज्य आ. विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी म. साहेब के समुदाय के आचार्य विजय हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि. सं. २०४४ का माह वद ७ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। (१५९) श्री शीतलनाथ भगवान गृह मन्दिर अवनी बिल्डींग, पहला माला, दादी शेठ गली, बाबुलीन कॉम्पलेक्ष, स्वामी विवेकानंद रोड, मलाड (प.) मुंबई - ४०० ०६४. टे. फोन : ८८२ ३९ १४ श्री प्राणलालभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्रीमान श्रेष्ठिवर्य श्री प्राणलालभाई हैं। यह गृह मन्दिर आपके ही निवास स्थान पर हैं। जिसकी चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवन्त विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. साहेबजी की पावन निश्रा में वि. संवत २०४३ का जेठ सुद १० को, उनकी ही अंजन शलाका की हुई प्रतिमाजी की हुई हैं। आपके गृह मन्दिर में पंचधातु की १ प्रतिमाजी, १ सिद्धचक्रजी बिराजमान हैं। श्री प्राणलालभाई और भी अनेक मन्दिरो के ट्रस्टी के रूप रहकर सेवा प्रदान कर रहे हैं। (१६०) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर नडीयादवाला कोलोनी नं. २, सत्य निवास बिल्डींग नं. १ कंपाउन्ड में, स्वामी विवेकानंद रोड, मलाड (प.), मुंबई - ४०० ०६४. टे. फोन : ८८८ ४९ ४० रमेशभाई विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के निर्माता सेठ श्री रमेशभाई चिमनलाल खंभात वाले हैं। आप श्री के परिवार वालो की तरफ से मन्दिरजी का संचालन हो रहा हैं। __ परम पूज्य आचार्य भगवन्त विजय अमृतसूरीश्वरजी म. साहेबजी के शिष्य आ. विजय सद्गुण सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४४ का चैत्र सुद ५ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। ____ यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर प्रभु की पाषाण की प्रतिमा पद्मासन पर बिराजमान है। पंचधातु की २ - प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, सुशोभित हैं । सामायिक मण्डल व जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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