SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 179
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर (१४१) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर प्रभु दर्शन - जैन मन्दिर बिल्डींग, संयम होस्पिटल के सामने, बेहराम पथ के बाजू में, एस. वी. रोड, जोगेश्वरी (पश्चिम) मुंबई - ४०० १०५. टे. फोन : ९७३ २७ २०, ३६३ ३१ ८० छगनजी विशेष :- इस जिनालय का खातमुहूर्त (भूमिपूजन) योग निष्ठ जैनाचार्य बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म. के समुदाय के शासन प्रभावक श्री पद्मसागर सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४८ का आषाढ वद २ को हुआ था एवं चल प्रतिष्ठा हुई थी। राघनपुर अचलगच्छ जैन संघ की तरफ से पूर्ण उल्लास से १५१ वर्ष प्राचीन मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु की जिन प्रतिमाजी सप्रेम भेट प्राप्त हुई हैं। जिनालय का नूतन निर्माण होने पर श्री आत्म - कमल - लब्धिसूरीश्वरजी समुदाय के आ. भगवंत श्री जिनभद्र सूरीश्वरजी म. एवं आ. विजय यशोवर्मसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में ५ दिन के उत्सव के साथ प्रतिष्ठा वि. सं. २०५३ का वैशाख सुद ७ ता. १३-५-९७ मंगलवार को सम्पन्न हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ तथा आजुबाजु में श्री महावीर प्रभु, श्री आदीश्वर प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ तथा श्री गौतम स्वामी, श्री मणिभद्रवीर, श्री नाकोडा भैरूजी व पद्मावती माताजी बिराजमान हैं। इस जिनालय के निर्माता सेठ श्री छगनलालजी छोगमलजी किस्तूरचंदजी पालरेचा (मरलीया) परिवार शिवगंज (राज.) निवासी हैं। जोगेश्वरी (पूर्व) (१४२) श्री धर्मनाथ भगवान शिखरबद्ध जिनालय प्लोट नं. २२, हरदेवी बाई को. ओ. सोसायटी, गुफा रोड, ताहिरा कंपाउन्ड के सामने, जोगेश्वरी (पूर्व) मुंबई - ४०० ०६०. टे. फोन : ओ. ८३७ २४ ४४, जेठमलजी - ६२८ ९९ ९९, पारसमलजी - ६२८ ११ ४१. विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवंत विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की शुभ प्रेरणा से श्री श्वेताम्बर जैन मूर्तिपूजक तपागच्छ संघ जोगेश्वरी (पूर्व) की तरफ से गृह मन्दिर का निर्माण कराया गया हैं। मलाड पूर्व में परम पूज्य आ. भगवन्त विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म., परम पूज्य आ. विजय हीरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में अंजन शलाका की हुई प्रतिमाजी को लाकर For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy