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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८८ मुंबई के जैन मन्दिर (१३९) श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान गृह मन्दिर __ श्री मुनिसुव्रत छाया, सहार रोड, कोल डोंगरी, अंधेरी (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६९. टे. फोन : ८२२ ३१ १६ वसंतभाई, ८३४ ७३ ५४ मांगीलालजी विशेष : श्री कोल डोंगरी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ द्वारा यहाँ के मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा वि. सं. २०३१ का वैशाख सुद - ३ बुधवार को परम पूज्य आ. विजय नेमिसूरीश्वरजी म. साहेबजी के समुदाय के आ. विजय देवसूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में हुई थी। यहाँ आरस की एक प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं तथा शत्रुजय तीर्थ व गिरनार तीर्थ भी दर्शनीय बने हुए हैं। परम पूज्य आचार्य लब्धि - लक्ष्मण के शिशु शतावधानी आ. विजय कीर्तिचन्द्र सूरीश्वरजी म. साहेब की शुभ निश्रा में यहाँ के नूतन उपाश्रय तथा श्री विजय लक्ष्मणसूरीश्वरजी जैन पाठशाळा तथा श्री वर्धमान तप आयंबिल शाला का उद्घाटन समारोह वि. सं. २०३५ का वैशाख सुद - १० रविवार ता. ६-५-७९ को हुआ था। यहाँ श्री कल्याण पार्श्व महिला मण्डल, श्री मुनिसुव्रत महिला मण्डल की व्यवस्था हैं। जोगेश्वरी (पश्चिम) (१४०) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर उषा कुंझ कंपाउन्ड में, सहकार रोड, स्वामी विवेकानंद रोड, जोगेश्वरी (प.), मुंबई - ४०० १०२. टे. फोन : ६२४ ७० ९४ नंदलालजी, ६२८ ३१ ०६ शेवन्तीभाई विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवन्त भुवन भानु के पट्टधर आचार्य विजय जयघोष सूरीश्वरजी म. एवं आचार्य श्री हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में. वि. सं. २०४६ का चैत्र सुदी - १३ को प्रभुजी की चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ के जिनालय में श्री आदिनाथ, श्री शान्तिनाथ एवं श्री धर्मनाथ की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। रंगमंडप की छत एवं दिवारो पर कांच के टुकडो से बनाये गये श्री नंदीश्वर तीर्थ, श्री भद्रेश्वर तीर्थ, श्री आबुजी, श्री कदंबगिरिजी, श्री अशोक तीर्थ, श्री सम्मेत शिखरजी, श्री राणकपुर, श्री राजगृही, श्री पावापुरी, श्री केशरीयाजी, श्री चंपापुरी, श्री तलाजा, श्री गिरनारजी, श्री भोयणी एवं अनेक ऐतिहासिक द्दश्यो का दर्शन होता हैं । श्री महिला मण्डल, श्री सामायिक मण्डल एवं पाठशाला की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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