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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर मन्दिरजी मे मूल गंभारे में आरस की ५ प्रतिमाजी, पंचधातु की ११ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ७ एवं अष्टमंगल - ३ सुशोभित हैं। पहली मंजिल पर आरस की ३ प्रतिमाजी श्री वासुपूज्य स्वामी, श्री धर्मनाथ एवं श्री शान्तिनाथ बिराजमान हैं । रंग मंडप के बाहर की ओर महावीर प्रभु के जीवन दर्शन के ८ पट तथा शत्रुजय तीर्थ एवं सम्मेत शिखरजी बहुत आकर्षक और सुशोभित हैं। ___ मुंबई शहर का यही एक पहला जिन मन्दिर हैं जहाँ मन्दिरजी के बाजू मे पद्मावती मंडप में श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्ण वीर, श्री नाकोडा भैरुजी, श्री पद्मावती देवी, श्री चक्रेश्वरी देवी, श्री सरस्वती देवी, श्री लक्ष्मीदेवी इन सातो देवी - देवताओ की अलग अलग दहेरी बहुत सुंदर ढंग से बनाई गयी हैं। अति मनमोहक दर्शनीय हैं। बडी बडी सात प्रतिमाजी बहुत ही रमणीय है। यहाँ वीरमाता श्री हीराबेन पोपटलाल शाह पाटणवाला जैन आराधना भवन, श्री शान्तीदेवी बाबुलालजी नाहर व्याख्यान हॉल, श्री कुसुमबेन सोहनलाल चंडालिया नारलाई (राज.) निवासी वर्धमान तप आयंबिल शाला, साधु- साध्वीजी भगवन्तो के लिये दो भव्य उपासरा तथा श्री आत्म ज्योत महिला मण्डल, श्री दहेगाम महिला मण्डल , श्री ज्ञानोदय पाठशाला, श्री दिव्य प्रकाश जैन युवक मंडल की व्यवस्था हैं। (१३३) श्री सीमन्धर स्वामी भगवान गृह मन्दिर पारसी पंचायत रोड, अमरेड अपार्टमेन्ट, ग्राउन्ड फ्लोर, अंधेरी (पूर्व), मुंबई - ४०० ०६९. टे. फोन : ओ. ८३८ ९५ ३४, ८२१ ४५ ७७, घर - ८३६ ९२ ५४ - लालजीभाई, ८३५ १७०७ - शशिकान्तभाई विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय भुवन भानु सूरीश्वरजी म. के प्रशिष्य आचार्य भगवंत श्री विजय हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की शुभ निश्रा में वि. सं. २०५० का जेठ सुद १२ सोमवार ता. २०-६-१९९४ को प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ आरस की मूलनायक श्री सीमन्धर स्वामी, श्री आदीश्वर भगवान, श्री मुनिसुव्रत स्वामी एवं श्री पार्श्वनाथजी की चार प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १ तथा अष्टमंगल - १ शोभायमान हैं। श्री गौतम स्वामी, श्री पद्मावती देवी, श्री मणिभद्रवीर भी दर्शनीय हैं । यहाँ श्री सीमन्धर जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। (१३४) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर रुबी टेरेस बिल्डींग, तीसरा माला, लास्ट फ्लोर, गुंदवली रोड, अंधेरी - कुर्ला रोड, For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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