SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 157
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ६७ यहाँ आरस के १३ प्रतिमाजी, पंच धातु के २३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ८, अष्टमंगल - २, विसस्थानक - १ इसके अलावा श्री पद्मावतीदेवी तथा आजुबाजु में श्री लक्ष्मीदेवी व श्री सरस्वतीदेवी बिराजमान हैं। श्री गौतम स्वामी, श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्णवीर की प्रतिमाजी सुशोभित हैं। दिवार पर श्री पावापुरी, श्री गिरनारजी, श्री आबुजी, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री अष्टापदजी, श्री राणकपुरजी, श्री भद्रेश्वरजी तथा श्री सयाजीराव महाराजा के साथ आ. श्री बुद्धिसागरसूरिजी म. का चित्र भी सुशोभित हैं। यहाँ साधु-साध्वीजी के लिये भव्य उपासरा, व्याख्यान भवन, पुस्तकालय, श्री वर्धमान तप आयंबिल शाला, श्री मोतीबेन जेशींगभाई परीख जैन पाठशाला, श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी जैन बैण्ड मण्डल तथा पार्श्वपूजक महिला मण्डल की व्यवस्था हैं। (१०८) श्री चन्द्रप्रभ स्वामी भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय दशरथलाल जोशी मार्ग के बाजू में, साऊथ पाण्डु रोड, विलेपार्ले (प.), मुंबई - ४०० ०५६. टे. फोन : ओ. ६१३ ०३ ३९ - नगिनभाई - ६७१ ४६ १९ घर विशेष :- यह मन्दिर श्री मोतीबेन मणिलाल नानावटी की स्मृतिमें बनाया था। इसीलिये इसका नाम श्री मोति-मणि मन्दिर सुप्रसिद्ध हैं। सेठ रतिलालने माता पिता के स्मृति हेतु यह श्री मोति मणि मन्दिर श्री विलेपार्ले श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ एण्ड चेरीटिज को भेट दिया हैं। मन्दिरजी की शिला स्थापना वि.सं. २०१८ वीर संवत २४८८ मगसर सुद ८ शुक्रवार को हुई थी तथा प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य भगवंत सिद्धान्त महोदधि विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आचार्य विजय रामचंद्रसूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में वि.सं. २०२१ वीर संवत २४९१ का माह सुद ७ सोमवार को हुई थी। यहाँ आरस की श्री चन्द्रप्रभ भगवान के साथ कुल १३ प्रतिमाजी, पंच धातु की प्रतिमाजी सिद्ध चक्रजी - ३५ का अंदाजा हैं। मन्दिरजी के बाजू में श्री कान्तिलाल लक्ष्मीचन्द सेठ सावरकुंडलावाला जैन उपाश्रय कलाकान्ति भवन का उद्घाटन वि.सं. २०५० का माह सुद १० ता. २१-२-९४ सोमवार को हुआ था। बाजू की गली सरोजनी नायडु रोड पर महासुख भवन में मन्दिर की ऑफिस हैं। श्री कमलाबेन लक्ष्मीचन्द सेठ जैन पाठशाला, महासुखलाल लक्ष्मीचन्द सेठ जैन उपासरा, श्री पद्माबेन महासुखलाल जैन आयंबिल शाला की व्यवस्था हैं। यहाँ श्री चंद्रप्रभ जैन मंडल, श्री चंद्रप्रभ महिला मण्डल, श्री चंद्रधर्म भक्ति महिला मण्डल, श्री पार्श्वपूजक महिला मण्डल, श्री सामायिक महिला मण्डल, श्री चन्द्रलब्धि पौषध मण्डल की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy