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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर ४९ इस जिनालय की अंजन शलाका २०५३ का मार्गशीर्ष सुद २ गुरूवार ता. १२-१२-९६ तथा प्रतिष्ठा सं. २०५३ का मागशीर्ष सुद ३ वार शुक्र ता. १३-१२-९६ को परम पूज्य शासनसम्राट आ. विजय नेमिसूरीश्वरजी म. समुदाय के श्री जिनशासन शासन शणगार प. पूज्य आ. विजय चन्द्रोदय सूरीश्वरजी म. सा. सूरिमंत्र साधक प. पूज्य आचार्य श्री विजय अशोक चंद्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में हुई थी। ____ डॉ. चौथमल वालचन्दजी श्री सीमन्धर स्वामी जैन देरासर ट्रस्ट निर्मित इस जिनालय में मूलनायक श्री सीमन्धर स्वामी की प्रतिमानी ६५” कोली मंडप में श्री महावीर स्वामी ३१", श्री आदीश्वरजी ३१.” तथा रंगमंडप में श्री मल्लिनाथजी ८१” श्री मुनिसुव्रत स्वामी ८१' दोनो काउस्सगीय श्याम वर्णीय प्रतिमाजी है, सहस्रफणा पार्श्वनाथजी फणो के साथ ३९,” श्री महावीर स्वामी ३१,' कुल पाषाणकी ७ प्रतिमाजी; १ छोटी प्रतिमाजी के साथ; पंच धातुकी -९ प्रतिमाजी सिद्धचक्रजी - ३ एवं अष्टमंगल - २, २४ भुजाओवा१ली पद्मावतीदेवी माता ३१”- २० भूजाओवाली सीमन्धर स्वामी की अधिष्ठायिका देवी श्री पंचांगुली ३१' बिराजमान है। यहाँ अलर्ट यंग ग्रुप ऑफ सीमन्धर स्वामी, टीन ऐजर्स ग्रुप, श्री संभवनाथ मंडल तथा श्री सीमंधर स्वामी महिला मंडल भक्ति-भावना में अग्रसर है । प्रभादेवी श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर इराणी चाल, पहला माला, किस्मत सिनेमा के बाजू में प्रभादेवी, मुंबई नं. ४०० ०२५. टे. फोन : ४३० ६९७१ विशेष :- श्री गृहमन्दिर के संस्थापकजी एवं संचालकजी श्रीमानजी श्रेष्ठीवर्य श्री मुणशीभाई, जयसिंगभाई कच्छ वागड निवासी है। परम पूज्य आ. विजय भुवन भानुसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य भगवंत श्री विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. तथा आचार्य भगवन्त श्री विजय हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०४६ का काती वद ५ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। इस गृह मन्दिर में मूलनायक श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पंच धातु की एक प्रतिमाजी तथा सिद्धचक्रजी एक शोभायमान है। (दादर श्री कुन्थुनाथ भगवान शिखरबद्ध जिनालय सिल्वर एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड में, शंकर घाणेकर रोड, दादर (प.), मुंबई - ४०० ०२८. टे. फोन : ४३७ ८१ ०४, ४३७ ०४ ०४ रविभाई For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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