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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर तीर्थो के पट और दूसरे माले पर रंगरंगीले कांचो की कारीगरी से रचाये तीर्थो के दृश्यो से दिवार व छत शोभायमान दिख रही है। __ प्रथम माले पर बाहर की तरफ श्री मणिभद्रवीर, श्री घंटाकर्णवीर, श्री नाकोडा भैरवजी, श्री पद्मावती देवी, श्री भोमीयाजी बिराजमान है। यहाँ श्री चंद्रप्रभ जैन पुस्तकालय तथा मन्दिरजी के बाजू में उपासरा की व्यवस्था है। वि.सं. २०२९ के चातुर्मास में पू.आ. श्री जयानन्दसूरीश्वरजी म.सा. की प्रेरणासे उपाश्रयका नवनिर्माण व प्रत्येक विभागका आदेश दिया गया था। (३६) श्री गोकुल पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर १४वी गली के सामने खेतवाडी, गोकुल एपार्टमेन्ट कम्पाउण्ड में, मुंबई - ४०० ००४. टे. फोन : प्रमोदभाई - ३८२ ८४ ८७, बिपिनभाई - ३८८ ९८४२ विशेष :- श्री गोकुल जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आचार्य विजय केशरसूरीश्वरजी म. समुदाय के आचार्य विजय यशोरत्नसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५२ का मगसर वद ६ ता. २७११-९५ को हुई थी। श्री राधनपुर जैन पेढीमे से ये तीनो प्राचीन प्रतिमाजी प्राप्त की हुई है। इस मन्दिर के मूलनायक श्री गोकुल पार्श्वनाथ तथा श्री आदिनाथ भगवान और महावीर स्वामी की प्रतिमा पाषाण की है तथा पंच धातु की - २, सिद्धचक्रजी - २, विसस्थानक - १ कमलमुख पर चऊमुखी प्रतिमाजी तथा पार्श्वयक्ष एवं पद्मावती देवी आमने सामने है। जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। (३७) ___ श्री महावीर स्वामी भगवान गृह जिनालय पावापुरी, ७वी गली, खेतवाडी, ग्राउण्ड फ्लोर, मुंबई - ४०० ००४. टे. फोन : ऑ. ३८९४८ १५ - घीसूलालजी ३८८ ४२ ७२ विशेष :- सेठ कस्तूरचन्द मूलाजी सह परिवार ट्रस्ट स्थापित महावीर स्वामी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक मन्दिर की स्थापना वि.सं. २०४१ का माह वद ११ को हुई थी। खाद मुहूर्त श्री आ. रविचंद्र सूरिजी म. की निश्रा मे हुआ था। हाल मन्दिरजी में मूलनायक विमलनाथ, श्री मुनि सुव्रतस्वामी, शीतलनाथ व पार्श्वनाथ की चार आरस की प्रतिमाजी, पंच धातु की ८, सिद्धचक्रजी ४, अष्टमंगल - १ शोभायमान है। मन्दिर के सामने ही ताराचन्दजी वरदीचंदजी आराधना भवन हैं। तथा बालवर्ग के लिये तथा युवा वर्ग के लिये २ जैन पाठशालाएँ चलती है। पर्युषण पर्व और ओलियो दिनो में आराधना होती है। श्री महावीर भक्ति महिला मंडल, श्री विमलनाथ सामायिक मंडल की व्यवस्था हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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