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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रथम अध्याय मीराँबाई की रचनाएँ मुंशा देवीप्रसाद ने राजस्थान में जो हिन्दी पुस्तकों की खोज की उसमें मीरों की रचनाओ से सम्बंध रखने वाली चार पुस्तकों का पता लगा था जो निम्नलिखित हैं : १. गीतगोविन्द की टीका - श्री जयदेव के प्रसिद्ध काव्य गीतगोविन्द की भाषा टाका । २. नरसी जी का माहरा — गुजरात के प्रसिद्ध भक्त नरसी मेहता के भात भरने की कथा जो पूर्णतः पदों में लिखा गया है । विषय का वर्णन मारों की किसी मिथुला नाम की सुखी को सम्बोधित करके किया गया है । ३. राग सोरठ पद - संग्रह - मीराँबाई, कबीर और नामदेव के पदों का संग्रह | ४. फुटकर पद-मीराँबाई आदि दस भक्तों के पदों का संग्रह | इनके अतिरिक्त मीराँबाई के कुछ और पदों का भी उल्लेख मिलता है । रामचंद्र शुक्ल ने अपने 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' में 'राग गोविन्द' नामक : एक और ग्रंथ का उल्लेख किया है। गौरीशकर हीराचंद श्रोता भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि मीरों ने इस नाम का कविता का एक ग्रंथ लिखा था । इसके अस्तित्व के सम्बंध में अभी तक संदेह बना है | गौरीशंकर हीराचंदा ने यह भी लिखा है कि 'मीराँबाई का मलार' नामक राग अब तक प्रचलित है और बहुत प्रसिद्ध है । सम्भवतः इस राग की कुछ विशिष्ट रचनाएँ मीरों ने की होंगी । इनके अतिरिक्त भी कृष्णलाल मोहनलाल For Private And Personal Use Only
SR No.020476
Book TitleMeerabai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreekrushna Lal
PublisherHindi Sahitya Sammelan
Publication Year2007
Total Pages188
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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