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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 888 कालिदास पर्याय कोश तन्वंशुकैः कुङ्कुमरागौरैरलक्रियन्ते स्तनमण्डलानि। 6/5 स्तनों पर केशर में रंगी हुई महीन कपड़े की चोली पहन ली है। स्तनेषु हाराः सितचन्दनार्दा भुजेषु सङ्गं वलयाङ्गदानि। 6/7 स्तनों पर धौले चंदन से भीगे हुए मोती के हार पहन लिए हैं, हाथों में भुजबंध और कंगन डाल लिए हैं। नेत्रेषु लोलो मदिरालसेषु गण्डेषु पाण्डुः कठिनः स्तनेषु। 6/12 मदमाती आँखों में चंचलता बनकर, गालों में पीलापन बनकर, स्तनों में कठोरता बनकर। प्रियङ्घकालीयककुमाक्तं स्तनेषु गौरेषु विलासिनीभिः। 6/14 स्त्रियाँ प्रियंगु, कालीयक, और केसर के घोल से अपने गोरे-गोरे स्तनों पर लेप कर रही हैं। आलम्बिहेमरसनाः स्तनसक्तहाराः कंदर्पदर्पशिथिलीकृतगात्र यष्ट्यः। 6/26 कमर में सोने की करधनी बाँधे, स्तनों पर मोती के हार लटकाए और काम की उत्तेजना से ढीले शरीर वाली। कनककमलकान्तैराननैः पाण्डुगण्डैरुपरिनिहितहारैश्चन्दनार्दैः स्तनान्तैः। मदजनितविलासैदृष्टिपातैर्मुनीन्द्रान्स्तनभरनतनार्यः कामयन्तिप्रशान्तान्।। 6/32 स्तनों के बोझ से झुकी हुई स्त्रियाँ अपने स्वर्ण कमल के समान सुनहरे गालों वाले मुँह से, गीले चंदन से पुते और मोतियों के हार पड़े हुए स्तन से और मतवाली चंचलता भरी चितवन से,शांत चित्तवाले तपस्वियों का मन भी डिगा देती है। स्त्री 1. अंगना - [प्रशस्तम् अङ्गम् अस्ति यस्याः - अङ्ग + न + यप्] स्त्री, सुंदर स्त्री। विभाति शुक्लेतररत्नभूषिता वराङ्गनेव क्षितिरिन्द्रगौपकैः। 2/5 वीरबहूटियों से छाई हुई धरती उस नायिका (स्त्री) जैसी दिखाई दे रही है, जो धौले रत्न छोड़कर और सभी रंगों के रत्नों वाले आभूषणों से सजी हुई हो। For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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