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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 504 www. kobatirth.org कालिदास पर्याय कोश 15. शैल - पुं [ शिलाः सन्त्यत्रेति । शिला+ज्योत्स्नादित्वादण् ] पर्वत । प्रजापतिः कल्पित यज्ञ भागं शैलाधि पत्यं स्वयमन्वतिष्ठत । 1/17 हिमालय को स्वयं ब्रह्मा जी ने उन पर्वतों का स्वामी बना दिया, जिन्हें यज्ञ में भाग पाने का अधिकार प्राप्त है। · Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शैलः संपूर्णकामोऽपि मेनामुखमुदक्षत। 6 / 85 हिमालय इससे सहम गये, फिर उत्तर पाने के लिए मेना की ओर देखा । 16. शैलगुरु : - पर्वतराज हिमालय पर्वत । तस्याः करं शैल गुरुपनीतं जग्राह ताम्राङ्गुलिमष्टमूर्तिः । 7/76 हिमालय के पुरोहित ने पार्वती जी का हाथ आगे बढ़ाकर शंकर जी के हाथ पर रख दिया। 17. शैलाधिराज :- पर्वतराज हिमालय पर्वत । मूर्द्धानमालि क्षिति धारणोच्चमुच्चैस्तरं वक्ष्यति शैलराजः । 7/68 पृथ्वी धारण करने से उनका सिर वैसे ही ऊँचा था उस पर अपने मनचाहे वर शंकरजी से सम्बन्ध करके उनका सिर और भी ऊँचा हो जाएगा। 18. हिमवान हिमालय पर्वत । प्रकृत्यैव शिलोरस्कः सुव्यक्तो हिमवानिति । 6 / 51 स्वभाव से ही पत्थर की शिलाओं वाली और पक्की छाती वाला हिमालय ही है । समेत बन्धु हिमवान सुतायां विवाह दीक्षा विधि मन्वष्ठित | 7/1 हिमालय ने अपने भाई बन्धुओं को बुलाकर शंकर जी के साथ अपनी पुत्री का विवाह कर दिया। 19. हिमवन्त : - हिमालय । सोऽनुमन्य हिमवन्तमात्मभूरात्मजाविरह दुःखखेदितम् । 8 / 21 हिमालय से जाने की आज्ञा मानी, कन्या को अपने से अलग करने में हिमालय को दुःख तो बहुत हुआ । अङ्गव्यय प्रार्थित कार्यसिद्धिः स्थाण्वाश्रमं हैमवतं जगाम् । 3/23 कामदेव इस निश्चय के साथ कि प्राण देकर भी देवताओं का काम करूँगा, उधर चला जिधर शिवजी तपस्या में बैठे थे । For Private And Personal Use Only
SR No.020427
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages441
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size15 MB
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