SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 84
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश कौलीन 1. कौलीन :-[कुल+[खम्] खानदानी, कुलीन, लोकापवाद, कुत्सा, दुराचरण। कौलीनमात्माश्रयमाचचक्षे तेभ्यः पुनश्चेदमुवाच वाक्यम्। 14/36 वे भी अपने भाई की दशा देखकर सन्न रह गए, अपने भाइयों से राम बोले। कौलीन भीतेन गृहान्निरस्ता न तेन वैदेह सुता मनस्तः। 14/84 उन्होंने सीताजी को अपनी अच्छा से नहीं वरन कलंक के डर से ही छोड़ा था। 2. परीवाद :-[परि+वद्+घञ्, पक्षे उपसर्गस्य दीर्घः] कलंक, निन्दा, बदनामी। तामेक भार्यां परीवादभीरोः साध्वीमपि त्यक्तवतो नृपस्य। 14/86 राजा ने कलंक के डर से अपनी रानी सीता को सती होते हुए भी छोड़ दिया। 3. लोकवाद :-[लोक्यतेऽसौ लोक+ घञ्+वादः] अफवाह, सामान्य चर्चा । मां लोकवाद श्रवणादहासीः श्रुतस्य किं तत्सदृशं कुलस्य। 14/61 इस समय अपजस के डर से जो आपने मुझे छोड़ दिया है, वह क्या उस प्रसिद्ध कुल को शोभा देता है, जिसमें आपने जन्म लिया है। 4. लोकापवाद :-[लोक्यतेऽसौ लोक+घञ्+अपवादः] सार्वजनिक निन्दा। अवैमि चैनामनघेति किंतु लोकापवादो बलवान्मतो मे। 14/40 मैं जानता हूँ कि वह निर्दोष है पर बदनामी सत्य से भी अधिक बलवती होती है। क्रंद 1. क्रंद :- रोना, क्रंदन करना, विलाप करना। सा मुक्त कंठं व्यसनातिभाराच्चक्रंदविग्ना कुररीव भूयः। 14.68 विपत्ति के भार से व्याकुल होकर सीता जी, डरी हुई कुररी के समान डाढ़ मार-मारकर रोने लगीं। अवतीर्यांकशय्यास्थं द्वारि चक्रंद भूपतेः। 15/42 राजा की ड्योढी पर गोद से उतारकर यह कह कहकर फूट-फूटकर रोने लगा। 2. रुद् :-क्रंदन करना, रोना, विलाप करना, शोक मनाना। तस्याः प्रपन्ने सम दुःख भावमत्यंतभासीदुदितं वनेऽपि। 14/69 सीताजी के दुःख से दुखी होकर सारा जंगल रोने लगा। For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy