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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 398 कालिदास पर्याय कोश विभीषण 1. पौलस्त्य :-[पुलस्तेः अपत्यम् :- पुलस्ति + यञ्] विभीषण का विशेषण। दुर्जातबन्धुरयमृक्षहरीश्वरो मे पौलस्त्य एष समरेषु पुरः प्रहर्ता। 13/72 ये वानरों और भालुओं के सेनापति सुग्रीव हैं और बड़े गाढ़े दिनों में ये हमारे काम आए हैं और पुलस्त्य कुल में उत्पन्न विभीषण हैं, जो युद्ध के समय हमसे आगे बढ़-बढ़कर शत्रुओं पर प्रहार करते थे। 2. रक्षइन्द्र :-[रक्ष् + असुन् + इन्द्रः] विभीषण का विशेषण। सरित्समुद्रान्सरसीश्च गत्वा रक्षः कपीन्द्ररुपपादितानि। 14/8 राक्षसों और वानरों के नायकों (विभीषण और सुग्रीव) ने नदियों, समुद्रों और तालों से जो जल लाकर दिया। सीता स्वहस्तोपहृताग्यपूजान् रक्षः कपीन्द्रान्विससर्ज रामः। 14/19 राम ने उन राक्षसों और वानरों के नायकों (विभीषण और सुग्रीव) को विदा किया, जिनकी चलते समय सीताजी ने स्वयं अपने हाथों से पूजा की। 3. रक्षईश्वर :-[रक्ष्यतेहविरस्मात्, रक्ष् + असुन् + ईश्वरः] विभीषण का विशेषण। तमध्वराय मुक्ताश्वं रक्षः कपिनरेश्वराः। 15/58 राम ने अश्वमेध यज्ञ के लिए घोड़ा छोड़ा, सुग्रीव और विभीषण ने। 4. लंकानाथ :-[लक् + अच्, मुम् च + नाथः] लंका का स्वामी अर्थात् रावण या विभीषण। लङ्कानाथं पवनतनयं चोभयं स्थापयित्वा। 15/103 उत्तर गिरि पर हनुमान को तथा दक्षिण गिरि पर विभीषण जी को स्थापित करके। विभीषण :- रावण का भाई। निविष्टमुदधेः कूले तं प्रपेदे विभीषणः। 12/68 जब राम समुद्र तट पर पहुँचे, तो विभीषण उनसे मिलने आया। रघुपतिरपि जातवेदो विशुद्धां प्रगृह्य प्रियां प्रियसुहृदि विभीषणे संगमय्य श्रियं वैरिणः। 12/104 राम ने रावण की राज्यश्री विभीषण को सौंप दी और फिर सीताजी को अग्नि में शुद्ध करके। तस्मात्पुरः सरविभीषणदर्शितेन सेवाविचक्षणहरीश्वरदत्तहस्तः। 13/69 For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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