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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रघुवंश ते बहुज्ञस्य चितज्ञे पल्यौ पत्युर्महीक्षितः । 10 / 56 सब कुछ जानने वाले राजा दशरथ की उन दोनों पत्नियों ने । 371 14. परिग्रह :- [ परि + ग्रह् + घञ्] पत्नी, रानी । निर्दिष्टां कुलपतिना स पर्णशालामध्यास्य प्रयतपरिग्रहद्वितीयः । 1/95 कुलपति वशिष्ठ जी ने जो पर्णकुटी बताई, उसी में राजा दिलीप अपनी पत्नी के साथ ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए रात बिताई । येषु दीर्घतपसः परिग्रहो वासवक्षणकलत्रतां ययौ । 12 / 33 जहाँ महातपस्वी गौतम की स्त्री अहल्या थोड़ी देर के लिए इन्द्र की पत्नी बन गई थीं। 15. प्रणयिनी : - [ प्रणय + इति + ङीष् ] गृहिणी, प्रियतमा, पत्नी । मेखला भिरसकृच्च बन्धनं वञ्चयन्प्रणयिनीरवाप सः । 19/17 कभी-कभी जब वह राजा इन कामिनियों को धोखा दे जाता था, तब राजा को अपनी करधनी से बाँध देती थीं। प्राञ्जलिः प्रणयिनी: प्रसाद यन्सोऽधुनोत्प्रणयमन्थरः पुनः । 19 / 21 तब राजा हाथ जोड़कर उन कामिनियों को मना लेता था, पर जब वह उनसे भरपूर प्रेम नहीं कर पाता था, तो वे फिर व्याकुल हो उठती थीं । 16. प्रिया :- [ प्री + क + टाप्] प्रिया, पत्नी, स्वामिनी, , स्त्री I प्रहर्षचिह्नानुमितं प्रियायै शशंस वाचा पुनरुक्तयेव । 2/68 गुरुजी से कह चुकने पर राजा दिलीप ने यह प्रसन्नता को सूचित करने वाला समाचार, अपनी प्रेयसी सुदक्षिणा से भी कह सुनाया। For Private And Personal Use Only प्रियानुरागस्य मनः समुन्नतेर्भुजार्जितानां च दिगन्तसंपदाम् । 3/10 राजा दिलीप जितना रानी को प्यार करते थे, जितनी उन्हें प्रसन्नता थी और जितना बड़ा उनका राज्य था, उतने ही ठाट-बाट से । विलपन्निति कोशलाधिपः करुणार्थग्रथितं प्रियां प्रति । 8/70 जब कोशलनरेश अज अपनी प्रिया के लिए इस प्रकार शोक कर रहे थे । प्राणान्तहेतुमपि तं भिषजामसाध्यं लाभं प्रियानुगमने त्वरया स मेने । 8 / 93 अपनी प्रिया के पीछे प्राण देने को वे इतने उतावले थे कि उन्होंने प्राण हर लेने वाली और वैद्यों से अच्छी न होने वाली उस शोक की बर्छा को भी सहायक ही समझा ।
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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