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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 350 कालिदास पर्याय कोश लक्ष्मी 1. कमला :-[कमल + अच् + टाप्] लक्ष्मी का विशेषण। नृपतिमन्यम सेवत देवता सकमला कमलाघवमर्थिषु। 9/16 दूसरा राजा ही कौन सा था जिसके यहाँ हाथ में कमल धारण करने वाली पतिव्रता लक्ष्मी स्वयं जाकर रहती। 2. पद्मा :-[पद् + मन् + टाप्] सौभाग्य की देवी लक्ष्मी, विष्णु की पत्नी। पद्मा पद्मातपत्रेण भेजे साम्राज्य दीक्षितम्। 4/5 मानो लक्ष्मी स्वयं छिपकर उजले कमल का छत्र लेकर उनके पीछे खड़ी हो। पोव नारायणमन्यथा सौ लभेत कान्तं कथमात्मतुल्यम्।7/13 जैसे स्वयंवर में लक्ष्मी ने नारायण को वर लिया, वैसे ही इंदुमती ने भी अज को वर लिया, बताओ तो बिना स्वयंवर के योग्य वर कैसे मिलता। 3. लक्ष्मी :-[लक्ष + ई, मुट् + च] समृद्धि, सौन्दर्य, लक्ष्मी विष्णु की पत्नी मानी जाती हैं। तस्मादपावर्तत दूरकृष्टा नीत्येव लक्ष्मीः प्रतिकूल दैवात्। 6/58 उस राजा को छोड़कर उसी प्रकार आगे बढ़ गई, जैसे पुरुषार्थ से लाई हुई संपत्ति भाग्य के फेर से छोड़कर चली जाती है। प्रभानुलिप्त श्री वत्सं लक्ष्मीविभ्रमदर्पणम्। 10/10 जिसमें लक्ष्मीजी श्रृंगार के समय अपना मुँह देखा करती हैं और जिसकी चमक से श्रीवत्स चिह्न भी चमक उठता था। पर्युपास्यन्त लक्ष्मया च पद्मव्यजन हस्तया। 10/62 लक्ष्मी हाथ में कमल का पंखा लेकर हमारी सेवा कर रही हैं। उपस्थितश्चारु वपुस्तदीयं कृत्वोपभोगोत्सुकयेव लक्ष्या। 14/24 मानो राज्यलक्ष्मी ने ही राम के साथ रमण करने की इच्छा से सीता का सुंदर रूप धर लिया हो। 4. श्री :-[श्रि + क्विप्, नि०] विष्णु की पत्नी लक्ष्मी, जो धन की देवी हैं, समृद्धि, सौन्दर्य। निसर्गभिन्ना स्पदमेक संस्थमस्मिन्द्वयं श्रीश्च सरस्वती च। 6/29 यों तो तुम जानती ही हो कि लक्ष्मी और सरस्वती दोनों की कभी नहीं बनती, पर इनके पास दोनों ही मिलकर रहती हैं। येन श्रियः संश्रयदोषरूढं स्वभाव लोलेत्य यशः प्रमृष्टम्। 6/41 For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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