SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 223
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 211 रघुवंश न कारणात्स्वाद्विभिदे कुमारः प्रवर्तितो दीप इव प्रदीपात्। 5/37 जैसे एक दीपक से जलाए जाने पर दूसरे दीपकों में भी ठीक वैसी ही लौ और ज्योति होती है, वैसे ही अज भी रूप, गुण, बल सभी में रघु के जैसा ही था। आचार शुद्धो भयवंश दीपं शुद्धान्तरक्ष्या जगदे कुमारी। 6/45 जिसने अपने शुद्ध चरित्र से माता और पिता के दोनों कुलों को उजागर कर दिया था, उन्हें दिखाकर सुनन्दा बोली। संचारिणी दीप शिखेव रात्रौ यं यं व्यतीयाय पतिंवरा सा। 6/67 रात को जब हम दीपक लेकर चलते हैं, तब जो राजमार्ग के भवन आदि छूटते चलते हैं; वे अंधेरे में पड़ते जाते हैं। ननु तैल निषेक बिन्दुना सह दीपार्चिरुपैति मेदिनीम्। 8/38 क्योंकि गिरते हुए तेल की बूंदो के साथ, क्या दीपक की लौ पृथ्वी पर नहीं गिर पड़ती। रक्षागृहगता दीपाः प्रत्यादिष्टा इवाभवन्। 10/68 सौरी घर के सब दीपकों की ज्योति उसके आगे मंद पड़ गईं। रात्रावनाविष्कृत दीपभासः कान्तामुखश्री वियुता दिवापि। 16/20 आजकल अटारियों के झरोखों से न तो रात के दीपकों की किरणें निकलती हैं, न दिन में सुन्दरियों के मुख दिखाई देते हैं। अर्पितस्तिमित दीप दृष्टयो गर्भवेश्मसु निवात कुक्षिषु। 19/42 उन भीतरी कोठियों में विहार करता था, जहाँ उसके साक्षी केवल वे दीप थे जो वायु के न आने से एकटक होकर सबको देख रहे थे। राज्ञि तत्कुलमभूक्षयातुरे वामनार्चिरिव दीप भाजनम्। 19/51 राजा के क्षय रोग से रोगी होने पर सूर्यकुल ऐसा रह गया, जैसे तनिक सी बची हुई दीपक की लौ हो। 2. दीपिका :-[दीप्+णिच्+ण्वुल्+टाप्+इत्वम्] प्रकाश, मशाल। आसन्नोषधयो नेतुर्नक्तमस्नेह दीपिकाः। 4/75 इस प्रकार उन बूटियों ने रघु के लिए बिना तेल के ही दीपक जला दिए। स ललित कुसुम प्रवाल शय्यां ज्वलित महौषधिदीपिकासनाथाम्।9/70 उन्हें सारी रात फूल-पत्तों की साँथर पर रात को चमकने वाली बूटियों के प्रकाश के सहारे, बिना किसी सेवक के अकेले ही काटनी पड़ी। For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy