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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालिदास पर्याय कोश 2. क्षौम :-[क्षु+मन्+अण्] रेशमी कपड़ा, ऊनी कपड़ा। श्रियः पद्मनिषण्णायाः क्षौमांतरित मेखले। 10/8 उन्हीं के पास कमल पर लक्ष्मी बैठी हुई थीं, जिनकी कमर में रेशमी वस्त्र पड़ा हुआ था। दधतो मंगलक्षौमे वसानस्य च वल्कले। 12/8 जैसे राज्याभिषेक के रेशमी वस्त्र पहनते समय था, ठीक वैसा ही वन जाने लिए पेड़ की छाल के वस्त्र पहनते समय भी था। 3. दुकूल :-[दु+ऊलच्, कुक्] रेशमी वस्त, अत्यंत महीन वस्त्र। भोजोपनीतं च दुकूल युग्मं जग्राह सार्धं वनिताकटाक्षैः। 7/18 भोज ने उन्हें रेशमी वस्त्रों के एक जोड़े के साथ जो भेंट किया, उसे उन्होंने वहाँ की बाँकी चितवन के साथ-साथ स्वीकार किया। दुकूलवासः स वधू समीपं निन्ये विनीतैखरोधरः। 7/19 वैसे ही रनिवास के नम्र सेवक रेशमी वस्त्र पहने हुए इंदुमती के पास अज को ले गए। आमुक्ताभरणः स्रग्वी हंस चिह्नदुकूल वात्। 17/25 आभूषण और माला पहने हुए, हंस छपा हुआ दुपट्टा ओढ़े हुए राजा अतिथि। पट :-[पटं वेष्टने करणे घबर्थे कः] वस्त्र, पहनावा, कपड़े। ध्वजपटं मदनस्य धनु तश्छविकरं मुखचूर्णमृतुश्रियः। 9/45 मानो धुनषधारी कामदेव का झंडा हो या वसंत श्री के मुख पर लगाने का शृंगार चूर्ण हो। 5. वसन :-[वस+ल्युट्] वस्त्र, कपड़ा, परिधान । जह्वराप्रथनमोक्ष लोलुपं हैमुनैर्निवसनैः सुध्यमाः। 19/41 जाड़े के ऐसे कपड़े पहनती थीं, जिन्हें बाँधने और खोलने के लिए लालायित रहने वाला वह राजा, मोहित हो जाता था। वस्त्र :-[वस्+ष्ट्रन्] परिधान, कपड़ा, कपड़े, पहनावा। संदष्टवस्त्रेष्वबला नितंबेष्विंदु प्रकाशांतरितोडुतुल्याः। 16/65 इन रानियों ने अपने नितंबों पर श्वेत वस्त्र लपेट लिया है, चाँदनी से ढके हुए तारों के समान धुंघरू हैं। For Private And Personal Use Only
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
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