SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रघुवंश पानी की फुहारों से भीगी हुई शिलाजीत की गंध वाली पत्थर की पाटियों पर बैठकर । 95 विहर्तुमिच्छा वनितासखस्य तस्यांभसि ग्रीष्मसुखे बभूव । 16/54 गर्मी में सुख देने वाले सरयू के जल में अपनी रानियों के साथ विहार करें। 3. अप : - [ आप्+क्विय् + ह्रस्वश्च ] पानी | निषण्णायां निषीदास्यां पीताम्भसिपिबेरपः । 1 /89 जब बैठे तब तुम भी बैठ जाना और जब यह पानी पीने लगे, तभी तुम भी पानी पीना । कौस्तुभारव्यमपां सारं विभ्राणं बृहतोरसा । 10/10 उनके चौड़े वक्षस्थल पर वह कौस्तुभमणि चमक रहा था । आविर्भूतमपां मध्ये पारिजातमिवा परम् । 10/11 मानो समुद्र में एक दूसरा कल्पवृक्ष निकल आया हो । उवास प्रतिमाचन्द्रः प्रसन्नानामपामिव । 10/65 जैसे निर्मल जल में चंद्रमा के बहुत से प्रतिबिंब पड़ जाते हैं। तस्यापतन्मूर्ध्नि जलानि जिष्णोर्विध्यस्य मेथप्रभवा इवाप: । 14/4 राम के सिर पर वैसे ही बरस रहा था जैसे विंध्याचल की चोटी पर बादलों का लाया हुआ जल बरसा करता है । पौरेषु सोऽहं बाहुली भवन्तमपां तरंगेष्विव तैलबिंदुम् । 14/38 जैसे पानी की लहरों के ऊपर तेल की बूँद फैल जाती है, वैसे ही इस समय घर-घर मेरी निंदा फैल रही है। पुरं नवीचकुरपां विसर्गान्मेघा विदाघग्लपितामिवोर्वीम् । 16/38 जैसे इंद्र की आज्ञा से बादल, जल बरसाकर गरमी से तपी हुई पृथ्वी को हरी भरी कर देते हैं, वैसे ही अयोध्या का कायापलट कर दिया। स नौविमानादवतीर्य रेमे विलोलहारः सह ताभिरप्सु । 16 / 68 यह कहकर कुश भी पानी में उतर पड़े और उन स्त्रियों के साथ जल-विहार करने लगे । For Private And Personal Use Only 4. उदक : - [ उन्द् + ण्वुल् नि० नलोपः ] पानी । बभुः पिबन्तः परमार्थमत्स्याः पर्याविलानीव नवोदकानि । 7/40 उनमें जब धूल घुस रही थीं, तब वे ऐसी जान पड़ती थीं, मानो वर्षा का गंदला पानी पीती हुई सच्ची मछलियाँ हों ।
SR No.020426
Book TitleKalidas Paryay Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTribhuvannath Shukl
PublisherPratibha Prakashan
Publication Year2008
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy