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ShiMahayeJainrachanaKendra
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Achan Kailas
Gyamandi
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ആറുരയ്യയായ
"श्री स्याद्वाद वादिने विराय नमः" भेट. जैन प्राचीन पूर्वाचार्यों विरचित स्तवन संग्रह. भेट तपगच्छनापुज्यपाद् सद्गुणानुरागी शान्तमुद्रा श्री १०८ गुरुणीजी महाराज श्री विजय श्री जीना
शिष्या साध्वीजी श्री खान्तिश्रीजीना उपदेशथी छपावी प्रसिद्ध करनार. श्री मुंबाइ निवासी झवेरी मोतीचंद रुपचंदनी अर्ध आर्थिक सहाय अने अर्ध आर्थिक सहाय सुरतनिरी कीनारीवाला डायाभाइ कालीदास हस्तक-तरफथी बाबुभाइ अभेचंदना स्मरणाने भेटे।
प्रत-१००० आवृत्ति १ ली.
सर्व हक्क स्वाधीन छे. वीरसंवत् २४४५. विक्रम संवत् १९७६.
सन् १९. श्रीनिर्णयसागर प्रेस-मुंबाई. Serving Jinshasar
தலைலைலைலைலலைலகை
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