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________________ कमतोच्छेदन भास्कर // [21] असंख्यात होते हैं और अंतर मुहुर्त में मरजाते हैं उनकी हिंमा तुमको लगती है सोही दिग्वाते हैं कि पन्नयणासूत्र में पाहले पद में कहा है सोही दिखाते हैं: सेकिंतमनुस्सा मणुस्सादुविहा पणत्तासमुछिछ ममणु. स्साय गभकतियायमणुस्ताय सेकिंतंसमुछिछम मणुस्माकहिणं भंते समुछिछ मम्णुस्तासमुछितिगोयमाअंतोमणस्तखेत्तेपणया लिसायजोयणसहम्ससु अढाइजेसुदिवस्ससमुद्देसुपण रस कम भूमीसुतीसाय अकम्मभूमीसु छप्पणायअंतर दिवएस गमक कंतिय मणुस्साणं चेव उच्चारेसुवा 1 पासवणेसुवा 2 खेले / सुवा 3 संघाणेमुवा 4 वतेसुवा 5 पीत्तेसुवा 6 पूयसुवा 7 सोणीयसुवा 8 सुक्कसुवा / सुक्कपुग्गल परिसाडेसुवा 1. धीग यजीवकलेवरेसुवा 11 इथ्थिपुरीससंयोगेसुवा 12 नगरनिधव णेसुवा१३सव्वसुचेवअसूइठाणेसुवा१४४थ्यणं समुछिममणुस्सा समुथ्थंति अंगुलस्सअसखिज्जभागमित्तिए ओग्गहणाएअस न्निमीछादिठीसव्वाहिं पज्जतीहिं अपत्तगामंतोमहुत्त युया चेवकालं करेति सेतसमुछिछममणुस्सा // ___अर्थ-से कहता कैसा मनुष्य ? मनुष्य दो प्रकार के होते हैं छमोर्छम मनुष्य दूसरा गर्भज मनुष्य से कहता है पूज्य स्वामी छमाछम मनुष्य किसको कहना चाहिये और कहां उपजता है जब भगवत कहते हुवे कि हे गौतम मनुष्य क्षेत्र में पैंतालीस लाख जोजन अर्थात् अढाई द्वीप समुद्र में पंदरह क्रम भूमि तीस अक्रम भूमि छपन अंतर द्वीपके विषय जो गर्भज मनुष्य के मलमूत्र आदि में उपजते सोई देखते हैं 1 भष्टा 2 पेशाब (लघूत नाड़ाछोड़ ) में 3 मुख के मेल खंखार ( थूक ) 4 नासिका का मैल अर्थात सेडे में 5 बमन अर्थात् उलटी होने में 6 पितका लेपी लेपडते हैं * पसीना के विषय 8 लोही के विषय 9 वीर्य के 10 सखे मनुष्य के पुदगल में भीजने से जीव रहते अर्थात् मरे मनष्य के पुदगल में स्त्री और पुरुष के
SR No.020393
Book TitleJain Ling Nirnay
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages78
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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