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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विलपना ४८९ विश्लिष्ट विलपनाअक्रि० विलाप करवो;विलपवू विवाद पुं० [सं.] वाग्युद्ध (२) सामो वाद विलाप पुं० [सं.] रोवू ककळq ते के मत (३) झघडो विलायत पुं०; स्त्री० [अ.] पारको के विवाह पुं० [सं.] लग्न.-हित वि० परणेलं दूरनो देश. -ती वि० परदेशी विवाहना सक्रि० परणवू; 'ब्याहना'. विलायती बैंगन पुं० टोमेटो विविक्त वि० [सं.] एकलुं; एकांत (२) विलास पुं० [सं.] लहेर; मजा (२) । शुद्ध; पवित्र एशआराम; सुखभोग (३) शृंगारना विविध वि० [सं.] अनेक जातवें हावभाव के चेष्टा (२) वेश्या । विवृत वि० [सं.] खुल्लं; पहोळं; विस्तृत विलासिनी स्त्री०[सं.] युवती; कामिनी विवेक पुं० [सं.] सारानरसानी समज के विलासी वि० [सं.] विलासप्रिय; कामी; । तेनी शक्ति. -की वि० विवेकवाळू एशआरामी विवेचन पुं० [सं.] अवलोकन, परीक्षा, के विलीन वि० [सं.] लीन; अलोप थयेलं __मीमांसा; सारासार- निरूपण (जेम के ओगळीने के मळी जईने) विशद वि० [सं.] स्पष्ट; साफ (२) विलेप,०न पुं० [सं.] लेप के ते करवो ते चोख्खं; स्वच्छ (३) सफेद विलोकन पुं० [सं.] जोवं, तपासवू के विशारद वि० [सं.] प्रवीण; दक्ष; कुशळ निहाळवं ते विशाल वि० [सं.] विशाळ; मोटुं विलोचन पं० [सं.] आंख (२) विघ्न विशिष्ट वि० [सं.] विशेष; खास; विलोप,०न पुं० [सं.] लोप करवू ते; नाश असाधारण विलोम वि० [सं.] ऊलटुं; सामेनुं (२) पुं० विशुद्ध वि० [सं.] शुद्ध; निर्मळ; चोखं; साप पवित्र. -द्धि स्त्री० शुद्धता; पवित्रता विलोल वि० [सं.] लोल; अस्थिर; चंचळ विचिका स्त्री० [सं.] कॉलेरा रोग विल्व पुं० [सं.] बिल्व; बीलु के बीली. विशंखल वि० [सं.] क्रम के बंधन विनानुं ०पत्र पुं० बिल्वपत्र विशेष वि० [सं.] वधु (२) खास (३) विवक्षा स्त्री० [सं.] बोलवानी इच्छा (२) असाधारण (४)पुं० भेद; तफावत (५) __अर्थ; मतलब; आशय अधिकता; वधारो (६) खास गुण । विवक्षित वि० [सं.] अभिप्रेत; अपेक्षित विशेषश वि० [सं.] खास जाणनार; तज्ज्ञ (२) पुं० प्रयोजन; उद्देश; आशय विशोक वि० [सं.] शोकरहित (२) पुं० विवर पुं० [सं.] काj (२) गुफा (३) बोड अशोक वृक्ष विवरण पुं० [सं.] विस्तारथी कहेवू ते; विश्रंभ पुं० [सं.] विश्वास (२) प्रेम वर्णन; बयान रहित विश्रांति स्त्री०, विश्राम पुं० [सं.] आराम; विवर्ण वि० [सं.] वर्ण (रंग के जाति) थाक [स्त्री० प्रख्याति विवर्त पुं० [सं.]आकाश(२)समूह(३)भ्रम विश्रुत वि० [सं.] विख्यात; प्रसिद्ध. -ति विवश (-स) वि०[सं.] लाचार; अवश विश्लिष्ट वि० [सं.] पृथक्; छुटुं (२) विवस्त्र वि० [सं.] वस्त्ररहित; नागुं खीलेलं (३) ढीलु For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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