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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org वक़ाया वक़ाया पुं० ब०व० [अ.] बनावो के तेनी खबरो [मननी स्थिरता वकार पुं० [ अ ] शील; चारित्र ( २ ) anter स्त्री० [अ . ] वकीलात; वकीली (२) प्रतिनिधित्व वकालतन् अ० [अ.] वकील द्वारा वकालतनामा पुं० [फा.] वकीलातनामुं वक़ीअ वि० [अ] आबरूदार (२) ऊंचुं; बुलंद वकील पुं० [अ.] वकील (२) राजदूत वकुल पुं० [सं.] बकुलनुं झाड वक़ूअ ( आ ) पुं० [अ.] घटना; बनाव वक़ूफ़ पुं० [ अ ] ज्ञान; समज वक़्त पुं० [ अ ] वखत वक्तन्- फ़वक्तन्, वक़्त बवक्त अ० [ अ ] कोई कोई वार; वखते वखते वक्तव्य पुं० [ सं . ] जाहेर निवेदन; 'स्टेटमेन्ट' (२) वि० निंद्य; टीकापात्र; कहेवा जेवुं वक्ता पुं० [सं.] बोलनार; व्याख्याता वक्तृता स्त्री० त्व पुं० [सं.] भाषण के तेनी छटा " वक्त्र पुं० [ सं . ] मों वक़्फ़ पुं० [ अ ] वकफ-धर्मादा मालमिलकत. ०नामा पुं० दानपत्र वक़्क़ा पुं० [अ.] छुट्टी; आराम वक्र वि०[सं.]वांकुं (२)पुं० नदीनो वांक वक्रोक्ति स्त्री० [ सं . ] एक अलंकार; व्यंग; टोणो ४७७ वक्ष, -क्षःस्थल पुं० [ सं . ] छाती वगर अ० 'अगर'; यदि; जो वगर-ना अ० नहीं तो; अगर तो वगैरह, वग़ैरा अ० [अ.] वगेरे; इत्यादि वचन पुं० [सं.] बोल ; कथन ( २ ) व्याकरणनुं वचन Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वट दशा वजद पुं० [ अ. वज्द] अति हर्षनी मस्त [ वजनवाळु वजन पुं० [अ.] वजन; भार. ०दार वि० वजनी वि० [फा.] वजनदार; भारे वजह स्त्री० [अ.] कारण; हेतु (२) ढंग; रीत वा पुं० [अ.] पीडा; दरद वजा स्त्री० [अ.] बनावट; रचना ( २ ) दशा; हाल (३) ढंग; नीति ( ४ ) प्रसव; वजादार वि० [फा.] सरस रचनावाऴु; सुंदर (२) फॅशनवाळु (३) नीतिरीतिमां मक्कम वजादारी स्त्री० [फा.] सुंदरता ( २ ) फॅशन ( ३ ) नीतिरीतिमां मक्कमता वजारत स्त्री० [अ.] वजीरपदुं के तेनी कचेरी वजाहत स्त्री० [अ.] सुंदरता (२) भव्यता (३) मोटाई; आबरू [ कहे ते वजाहत स्त्री० [ अ ] विस्तार करीने वज़ीफ़ा पुं० [ अ ] वजीफो; विद्वान, विद्यार्थी के त्यागी वगेरेने दानमां अपाती वृत्ति ( २ ) जप के पाठ वजीर पुं० [अ.] वजीर; प्रधान (नाम, - री) वजू पुं० [अ. वुजू] वजू; नमाज पहेलां कराती शौचविधि वजूद पुं० [ अ. वुजूद ] सिद्धि; सफळता (२) अस्तित्व; हयाती (३) देह; शरीर. - पाना=स्थपावु; हयातीमां आववु. में लाना = हयातीमां आणवं; स्थाप वजूहात स्त्री० ['वजह' नुं ब०व०] कारणो वद पुं० [ अ ] जुओ 'वजद' वज्र पुं० [सं.] इंद्रनुं अस्त्र (२) वि० अति कठण के मजबूत वट पुं० [सं.] वड; 'बरगद ' For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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