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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org महक [आधीन महक स्त्री० महेक; वास (अक्रि० महकना; वि० महकदार, महकीला) महकमा पुं० [ अ ] खातुं; विभाग महकीला वि० महेवाळं महकूम ( - मा) वि० [ अ ] हुकममां आवतुं; मह वि० [अ.] शुद्ध (२) अ० मात्र;केवळ महज - क़ैद स्त्री० [ अ ] सादी सजा; आसान केद सूचनापत्र; नोटिस मोटुं; महान महजर पुं० [ अ ] महत् वि० [ सं . ] महता पुं० गामनो मुखी ( २ ) महेतो; मुनशी; लखनार महताब स्त्री० [फा.] चांदनी (२) पुं० चंद्र महताबी स्त्री० [फा.] महताब; एक दारूखानुं (२) चांदनीमां बेसवा जेवो चोतरो ( बाग के तळाव पासेनो ) महतारी स्त्री० माता महत्त्व पुं०, , - ता स्त्री० मोटाई; श्रेष्ठता महदी पुं० [अ.] मार्गदर्शक ( ईमाम ) वि० [.] हद बांधेलुं; मर्यादित महफ़िल [अ.] महेफिल; जलसो महफ़ूज वि० [अ] सुरक्षित महबस पुं० [अ.] जेल; केदखानुं महबूब वि० [अ.] महेबूब प्यारुं. ( - बा वि०स्त्री०. नाम, -बियत, - बी स्त्री ० ) महमह अ० मघमघ. -हाना अ० क्रि० मघमघवं; महेक. - हा वि० मघमघतुं महमूद वि० [ अ ] स्तुति पामेलुं; प्रशस्त. -दो स्त्री० एक जातनुं मलमल कपडुं (२) एक जूनो सिक्को महमेज स्त्री० [फा. मिहमेज़ ] मिमेज; घोडेस्वारी एडीनी लोढानी रेख महर पुं० मुखी; मोटा ( आदरवाचक शब्द ) ( २ ) [ अ ] मुसलमानोमां वर ४१४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महाजनी कन्याने आपे ते देज के पल्लुं (३) वि० ( प. ) महेकतुं; मघमघतुं महरस पुं० [अ.] नजीकनो सगो के मित्र ( २ ) विवाहसंबंध न थई शके एवं सगं (३) स्त्री० स्त्रीना कबजानो छातीनो भाग महरा पुं० कहार; पालखी ऊंचकनार (२) वि० मुख्य; प्रधान महराज, - जा पुं० महाराज, -जा महराब स्त्री० महेराब; कमान महरी स्त्री० 'महरा' नुं स्त्री० महरू वि० [फा.] चंद्रवदन महरू वि० [.] वंचित ( २ ) कमनसीब. - मी स्त्री० महर्षि पुं० [सं.] मोटा ऋषि महल पुं० [ अ ] महेल (२) अंतःपुर (३) मोटो ओरडो (४) अवसर ; मोको (५) पत्नी; बेगम महलसरा स्त्री० [अ. + फा.] जनानखानुं महली पुं० [ अ ] अंतःपुरनो चोकीदार; व्यंडळ महल्ला पुं० [अ.] महेल्लो महशर पुं० [अ.] कयामतनो दिवस.. - बरपा करना = भारे आंदोलन कर महसूल पुं० [ अ ] जमीन महसूल ( २ ) कर (३) भाडुं [ पडेलुं महसूस वि० [ अ ] अनुभवेलुं; मालूम महसूसात स्त्री० ब०व० [अ.] जाणी के अनुभवी शकाय एवा पदार्थो महा वि० मोटु महान; श्रेष्ठ महाजन पुं० [सं.] महापुरुष ( २ ) धनवान (३) शराफ ( ४ ) वाणियो महाजनी स्त्री० शराफनो धंधो ( २ ) शराफना चोपडानी एक लिपि For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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