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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मसला मसला पुं० [अ.] विचारवानो विषय; प्रश्न मसविदा पुं० मसूदो; खरडो; 'मसौदा'. - बाँधना = युक्ति के उपाय रचवो मसहरी स्त्री० मच्छरदानी मसा पुं० मसो (२) मच्छर मसाइब पुं० [अ.] 'मुसीबत' नुं ब०व० मसान पुं० मसाण; श्मशान (२) भूतं - पिशाच. - जगाना = स्मशानमां शवनो विधि करवो. – पड़ना = शून्यकार थ मसाना पुं० [ अ ] मूत्राशय मसानिया पुं० मशाणियो; चंडाळ मसानी स्त्री० डाकण मसाफ़ पुं० [अ.] युद्ध (२) रणक्षेत्र मसाफ़त स्त्री० [अ.] अंतर; फासलो (२) [ रोमकूप मसाम पुं० [ अ ] चामडी परनुं छिद्र; मसायल पुं० [अ.] 'मसला' नुं ब०व० ; प्रश्नो; समस्याओ श्रम ४१३ मसलहत स्त्री० मेळ के संधि करवी ते मसाला पुं० [फा.] साधनसामग्री ( २ ) मसालो. -लेदार वि० मसालावाळु; स्वादिष्ट [ मापणी (२) मापवुं ते मसाहत स्त्री० [ अ ] मसात; जमीनमसि स्त्री० [ सं . ] शाही (२) काजळ; मेंश. ०दानी स्त्री०, ०पात्र पुं० शाहीनो खडियो. ofबंदु पुं० नजर न लागे ते माटे करातुं मेंशनुं टपकुं मसिय ( - या ) र पुं० ( प. ) मशाल. - रा पुं० मशालची मसीत ( द ) स्त्री० मसीद मसीह ( - हा) पुं० [अ.] ईशु ख्रिस्त ( २ ) जीवनदाता [ 'मसीह' नुं पद के कार्य मसीहाई, मसीही पुं० ख्रिस्ती ( २ ) स्त्री० मसूड़ा ( - रा ) पुं० दांतनुं पेढुं मह दाळ मसूर पुं०, मसूरा स्त्री० [सं.] मसूरनी [ओरी मसूरी ( - रिका, - रिया) स्त्री० बळिया; मसूस, ०न ( प. ) स्त्री० व्यथा; पीडा मसू ( -सो) सना अ० क्रि० मनमां पीडावु; अन्दर व्यथा थवी (२) अमळावुं (३) स०क्रि० आमळवुं (४) निचोववुं मसौदा पुं० मसूदो; खरडो. - गाँठना, - बाँधना= कोई काम करवानी युक्ति के योजना विचारवी मसौदेबाज पुं० युक्तिबाज; चालाक मस्कन पुं० [ अ ] मकान; घर मस्करा ( प. ), मस्खरा पुं० [अ.] मश्करो मस्त वि० [फा.] मग्न; खुश; प्रसन्न (२) मदथी मस्त मस्तक पुं० [ सं . ] मस्ती स्त्री० [ अ ] एक जातनो गुंदर मस्ताना अ०क्रि० (२) स०क्रि० मस्त aj के कर (३) वि० [फा.] मस्तानुं मस्तिष्क पुं० [सं.] भेजु; मगज मस्ती स्त्री० [फा.] मस्त थ के हो ते; मद ( २ ) पशु के वनस्पतिमांथी अमुक जे खाद थाय छे ते मस्तूर वि० [ अ ] गुप्त; छूपुं मस्तूरात स्त्री० [अ.] स्त्रीओ ( २ ) सन्नारीओ मस्तूल पुं० [पो.] वहाणनो कूवास्तंभ; मुख्य स्तंभ माथु Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मस्सा पुं० मसो के मसानो रोग महँ ( - हूँ ) अ० ( प. ) मां; महीं महँगा वि० मोघुं (नाम, - गाई स्त्री ० ) महँगी स्त्री० मोंघवारी (२) दुकाळ महंत पुं० मठाधीश (२) वि० श्रेष्ठ. - ती स्त्री० महंतनुं पद मह वि० ( प. ) महा (२) अ० जुओ 'महँ ' o For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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