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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org अभिषेक २६ अभिषेक पुं० [सं.] जळ छांटवुं ते (जेम के. राजानो) (२) शिवलिंग पर जळाधारी अभिसरना अ० क्रि० (प.) जवुं (२) इष्ट जगाए के प्रियने मळवा जवुं अभिसार पुं० [सं.] प्रियजनने नक्की जगाए मळवा जनुं ते अभी अ० [हिं. अब + ही ] हमणां ज; अबघडी अभीक वि० [सं.] नीडर अभीष्ट वि० [ सं . ] इष्ट; मनवांछित अभुआना अ० क्रि० [सं. आह्वान] भूत आव्युं होय एम धूणवुं ने हाथ पंग हलाववा [ अपूर्व अनोखं अभूत वि० [सं.] पूर्वे नहि बनेलं; अभेद पुं० [सं.] एकसमानता ( २ ) वि० एकसमान अभ्यंग पुं० [सं.] तेलनी मालिस अभ्यंतर पुं० [सं.] अंतर (२) मध्य; वच *(३) अ० अंदर [ सत्कार अभ्यर्थना स्त्री० [सं.]विनंती (२) स्वागत; अभ्यस्त वि० [सं.] महावरावाळं ; कुशळ अभ्यागत पुं० [सं.] अतिथि अभ्यास पुं० [ सं . ] फ़री फरी कांई करवु ते (२) टेव; आदत अभ्युत्थान पुं० [ सं . ] उत्थान; उदय; उन्नति अभ्युदय पुं० [सं.] उदय; उत्पत्ति; उन्नति अन पुं० [सं.] वादळ (२) आकाश (३) 'अभ्रक ' ; अबरक अक पुं० [सं.] अंबरख अमका पुं० [ सं . अमुक ] अमुक; फलाणो अमचूर पुं० आमचूर अमन पुं० [अ.] शांति ; चेन ( २ ) रक्षण; बचाव Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अमानतदार अमन - अमान, अमन-चैन पुं० सुख-शांति सुखचैन अमर वि० [सं.] न मरे एवं (२) पुं० देव अमरख पुं० ( प. ) अमर्ष; क्रोध अमरबेल, अमरवल्ली स्त्री० अंतरवेल अमरसी वि० केरीना रसना रंगनुं; सोनेरी [ आंबावाडियं अमराई स्त्री०, अमराव पुं० अमराई; अमराज पुं० [अ.' मर्ज़' ' नुं ब०व०] रोग अमरू पुं० एक जातनुं रेशमी कपड़े अमरूत ( - द ) पुं० [फा. ?] जामफळ अमरंया पुं० (प.) अमराई ; आंबावाडियं अमर्ष पुं० [सं.] क्रोध; रीस अमल पुं० [अ.] अमल; सत्ता; नशी इ० अमलतास पुं० गरमाळानी सींग अमल-दर-आमद पुं० [फा.] अमल थवो ते अमलदारी स्त्री० अधिकार ( २ ) एक प्रकारनी विघोटी अमला पुं० [अ.]कुचेरीमां काम करनार; अमलदार (२) स्त्री० [सं.] लक्ष्मी अमली वि० [ अ ] अमलमां आवनाएं; व्यावहारिक ( २ ) अमल करना (३) नशेबाज ; केफी [ मोतो अमवात स्त्री० ब० व० [अ] मरणो अमहर पुं० काची छोलेली केरीनी सूकी चीर; चीरियुं अमात्य पुं० [सं.] प्रधान; वजीर अमान वि० [सं.] अमाप ; बहु ( २ ) मान के गर्व रहित; नम्र ( ३ ) तुच्छ ; अपमानित [तेम राखेली वस्तु अमानत स्त्री० [अ.] अनामत राखबुं ते के अमानतदार पुं० अनामत राखनार; ज़ेने त्यां अनामत रखाय ते For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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