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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १७६ चाटु चाटु पुं० [सं.] प्रिय वात ( २ ) खुशामद चाटुकार पुं० [ सं . ] खुशामत करनार चाड़ी स्त्री० पीठ पाछळ निंदा; वूगली चाढ़ा वि० ( प. ) प्याएं (२) प्रेमी आसक्त चातक पुं० [सं.] चातक पक्षी [ चतुरता चातुरी स्त्री०, - पुं० [सं.] चतुराई; चादर स्त्री० चादर (२) दुपट्टो (३) पतरु (४) पाणीनो सपाट वहेतो प्रवाह. - उतारना = बेआबरू करवु. - ओढ़ाना, - डालना = विधवाविवाह करवो. -तानकर सोना = सोडो ताणीने - निरांते सू. - देखकर पाँव फैलाना = मर्यादा समजी चालवुः गजामा रही ने खर्च वुं. - रहना = लाज आबरू रहेवी [to [सं.] धनुष चाप स्त्री० चाल; पगलांनो अवाज (२) चापट - स्त्री० 'चोकर'; भूसुं; घउंना लोटनुं चळामण ( २ ) वि० चपटं (३) सपाट चापना स०क्रि० चांप दबाव बुं; 'चाँपना' चापल, -ल्य पुं० [सं.] चपळता; चंचळता; चालाकी (२) उतावळ चापलूस वि० [फा.] खुशामतियुं चापलूसी स्त्री० [फा.] खुशामत चाब स्त्री० दाढ चाबना स० क्रि० चाववुं चाबी भी स्त्री० चावी (ताळा, घडियाळ, यंत्र वगेरेनी) चाबुक पुं० [फा.] चाबुक; सोटो (२) वि० [स्फूर्तील; तेज चाबुक - सवार पुं० [फा.] वोडो पलोटनार; घोडो केळवनार. ( नाम, -री स्त्री ० ) चाय स्त्री० चा. ०दानी स्त्री० चादानी; कोटली. ० पानी = चापाणी; नास्तो Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चालवाल चाय स्त्री० ( प. ) जुओ 'चाव'. ०क वि० (प.) चाहक चाय - दानी, - पानी स्त्री०जुओ 'चाय' मां चार वि० चार (२) थोडुक (२) पुं० [सं.] चाल; गति. - आँखें होना = नजर मळवी. चारों फूटना = अंध थवं; अन्तर बाह्य चारे आंख जवी चारखाना पुं० [फा.] एक जातनुं कपडुं चारजामा पुं० [फा.] घोडानुं जीनपलाण चारण, न पुं० बंदीजन; भाटचारण चारदीवारी स्त्री० जुओ 'चहारदीवारी' चारना स० क्रि० ( प. ) चरावबुं: चारखुं चार-नाचार अ० [फा.] निरुपाय - लाचार थईने; ना छूट चारपाई स्त्री० खाटलो. - धरना, - पकड़ना, - पर पड़ना, -लेना = बीमारीथी पथारीवश थवुं (२) सूवुं. - से लगना = बीमारीथी पथारीमांथी न उठावुं [ रूमाल के चादर चारबाग़ पुं० चोखंडी बाग (२) चतुरंगी चारयारी स्त्री० एक सुन्नी संप्रदाय चारशंबा पुं० जुओ 'चहाररांबा' चारा पुं० चारो; घास (२) [फा.] चारो; रस्तो; उपाय चारित्र, - , - त्र्य पुं० [सं.] चरित; चालचलगत चारु वि० [सं.] सुंदर; प्रिय; मनोहर चार्ज पुं० [इं.] कामतो भार; सुपरत (२) किंमत भाव (३) आरोप चार्टर पुं० [इं.] सनद; परवानो; अधिकारपत्र [(३) दगो; छळ चाल स्त्री० चाल; गति (२) ढंग; रीत चालचलन पुं०, चालढाल स्त्री० चालचलगत; रीतभात For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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