SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 191
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १७५ बकवाद चाटना चहल-पहल स्त्री० धामधूम चाँदी स्त्री० चांदी (२) तालकुं; 'चाँद चहला पुं० 'चहल'; कीचड (३) सारो आर्थिक लाभ. -का जूता चहार वि० [फा. चार लांच. -काटना खूब कमावू चहारदीवारी स्त्री० कोट; वंडो; घेरो । चांद्र वि० [सं.] चंद्रनु, -ने लगतुं (२) चहारशंबा पुं० [फा.] बुधवार पुं० चंद्रकांत मणि (३) आदु (४) चहारुम वि० [फा.] चतुर्थांश (२) चोथु चांद्रायण व्रत एक कठण व्रत चहुँ,-हूँ वि० (प.) चार; चारेय . चांद्रायण पुं० [सं.] महिनामां पूरुं थतुं चहूँटना अ० क्रि० चोटवू चांप स्त्री० चांपq - दबाव ते (२) चहेटना स० कि० निचोड काढवो धक्को (३) प्रेरणा (४) बंदूकनी चांप चहेता वि० प्रिय; वहालं (स्त्री०-ती)। चाँपना स० क्रि० चांपवं; दबावq चहोरना अ.क्रि० छोडने एक जगाएथी. चाय चाय, चाँव चाँव स्त्री० चवचव; बीजी जगाए चोडवो (२) संभाळ लर; कुलपति राखवी चांसलर पुं० [इ.] युनिवर्सिटीनो चान्सेचाँई वि० धूर्त; चालाक (२) तालवाळू चाक पुं० चाक; चक्र; गरेडी इ० (२) चांकना स० क्रि० आंकवं; हद बांधवी फा.] चीरो (३)वि० चिरायेलं; फाटेल (२) ओळखवा निशानी करवी चाक वि० [तु.] दृढ; मजबूत (२) चाँगला वि० चंग; स्वस्थ (२) चतुर चपळ; फूर्तील चाँचु पुं० (प.) चांच चाकचक वि० सुरक्षित; मजबूत चांटा पुं० थप्पड (२) (प.) मंकोडो चाकचक्य पुं० [सं.] चकचकाट;चळकाट चाँटी स्त्री० तबलानी चांट के तेनो चाक-चौबंध वि० हृष्टपुष्ट- अवाज (२) (प.) कीडी मकोडी भरावदार (शरीर) . चाँड वि० चंड; उग्र; प्रबळ (२) स्त्री० चाकना स० क्रि० जुओ 'चाँकना' भारे अगत्य; गरज (३) टेको; थांभलो चाकर पुं० [फा.] नोकर; दास; सेवक चांडाल पुं० [सं.] चंडाळ (२) क्रूर । चाकर(-रा)नी स्त्री०चाकरडी; दासी नीच कर्म करनार चाकरी स्त्री० [फा. नोकरी; सेवा चाँद पुं० चांदो (२) स्त्री० तालकुं. चाकी स्त्री० चक्की; घंटी -का टुकड़ा=बहु रूपवान माणस.-पर चाकू पुं० [तु.] चप्पु; चाकु [प्रत्यक्ष थूकना= कोई सज्जनने एब लगाडवा चाक्षुष वि० [सं.] चक्षु - आंख विषे (२) जतां पोताने ज लागवी चाखना स० क्रि० चाखवं चांदना पुं० अजवाळू (२) चांदनी चाचा पुं० (स्त्री० -ची) चचा'; काका चाँदनी स्त्री० चांदनी (२) बिछाववानी। चाट स्त्री० तीखू खावानो चटको; शोख सफेद चादर (३) सफेद चंदरवो (३) आदत; टेव (४) चटपटी; चळ चांदमारी स्त्री० बंदूकथी निशान (५) तीखी चीज के फरसाण [जवू ताकवानुं शीखवू ते चाटना स० क्रि० चाटवं (२) चट करी For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy