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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org घरघराना दाल बराबर = निकटनी - घरनी वात वस्तुती कदर न थवी. घर घरका होना - हो जाना = मार्या मार्या फरवु - में भूंजी भाँग न होना = बहु गरीब • होवू. - सिर पर उठा लेना =होहा करवु; उधमात मचाववो. [अवाज थवो घरघराना अ० क्रि० घर घरवुं; घरर घर-घाट पुं० रंगढंग; अवस्था [स्त्री घरनी स्त्री० [प्रा. धरणी] गृहिणी; घरणी; घरफोरी स्त्री० कुटुंबक्लेश करावनारी घरबसा पुं० यार; उपपति (स्त्री० -सी) घरबार पुं० घरबार; ठाम ठेकाणुं; मालमिलकत (२) घरसंसार; कुटुंबकबीलो घरबारी पुं० गृहस्थ; घरसंसारी घरवाला पुं० घरवाळो पति; घर मालिक (स्त्री० ली). घराऊ वि० घर सम्बन्धी (२) निजी घरतुं घराती पुं० कन्यापक्षना लोक घराना पुं० घर; खानदान; कुळ घरू वि० जुओ 'घराऊ' घरेलू वि० पाळेलुं (२) 'घरू'; घरनुं; खानगी (३) घेर बनेलुं घरौंदा, -धा पुं० घर घर रमवा माटे बाळक बनावे छे ते घर धर्म पुं० [सं.] घाम ताप घर्रा ( ०टा) पुं० कफ घररर बोले ते घलना अ० क्रि० छूटी जव; फेंका (२) मारामारी थवी घलाघल, -ली स्त्री० मारामारी घलुआ पुं० खरीदनारने उपरथी छूटनं धारे आप घसिटना अ० क्रि० घसडावुं घसियारा पुं० घास वेचनारो घसीट स्त्री० घसरडवुं ते १६४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धानी घसीटना स० क्रि० घसरडवु; ढसरडवु घस्सा पुं० 'घिस्सा'; घिस्सो घहर ( - रा ) ना अ० क्रि० गर्जना जेवो अवाज काढवो घाँघरा पुं० 'घाघरा ' घाँटी स्त्री० गळं के अंदरनी पडजीभ घाईं स्त्री० बाजु; तरफ (२) वार; 'दफ़ा' (३) पाणीनो वमळ, भमरो घाऊघप वि० जुओ 'गाऊघप्प' घाग, घाघ पुं० भारे चतुर माणस घाघरा पुं० घाघरो घाट पुं० [ सं . ] जळाशयनो घाट; ओवारो (२) पहाड के पहाडी रस्तो (३) घाट; ढंग; लाग घाटवाल पुं० जुओ 'घाटिया' घाटा पुं० घट; खोट; हानि [ब्राह्मण घाटिया पुं० 'घटवार'; घाट के तीर्थनो घाटी स्त्री० खीण; पर्वतो वच्चेनो पहाडी सांकडो रस्तो घात पुं० [सं.] घा; प्रहार ( २ ) घात; वध (३) स्त्री ० लाग; दाव; सुयोग (४) खराब करवानो लाग ताकवो ते. -चलाना = जंतरमंतरवुं. - पर चढ़ना, - में आना = लागमां आववु में फिरना = लागमां फरवु; तक साधवी ( खराब करवा). – लगना = लाग खावो; मोको मळवो घातक वि० [सं.] मारनार (२) हिंसक (३) पुं० हत्यारो (४) शत्रु घातकी, घाती वि० घातक; हत्याएं घान पुं०, घानी स्त्री० [सं. घन] घाण; रांधवा दळवा खांडवा इ०मां एकसाथे वातो समूह (२) प्रहार [पीलबं घानी स्त्री० घाण (२) समूह. - करना = For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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