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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir घटबड़ १६३ घर घटबड़ स्त्री० वधघट घटवार पुं० नदीघाटनुं महेसूल लेनार (२) होडीवाळो (३) घाट पर दान लेनार ब्राह्मण घटवारि (-लि) या पुं० घाट के तीर्थनो । ब्राह्मण-पंडो झाड इ० नी) घटा स्त्री० [सं.] घटा; जमावट (वादळ, घटाना स० क्रि० घटावq; कम करवू घटाव पुं० घटाडो (२) नदीमां ओट घटित वि० [सं.] थयेलं; बनेलं [ऊलटुं घटिया वि० हलकुं; सस्तूं; 'बढ़िया'नुं घटिहा वि० गठियु; लुच्चु (२) बदमाश घटी स्त्री० कमी (२) 'घाटा'; नुकसान (३) [सं.] घडी घट्टा पुं० घाटो; कमी (२) चीरो; फाट. -खुलना= फाटवू; चीरो पडवो घट्ठा पुं० (शरीर पर पडतुं) आंटण घड़घड़ाना अ०क्रि० गगडQ (नाम -हट स्त्री०). [मों ऊतरी जवू शरमावू घड़ा पुं० घडो. धड़ों पानी पड़ जाना= घड़िया स्त्री० धातु गाळवानी अंगीठी घड़ियाल पुं० घंट; घडियाळू (२)मगर घड़ियाली पुं० घंट वगाडनार घड़ी स्त्री० घडी; समय(२)घडियाळ. घड़ी घड़ीकी खैर मांगना- चालु चिंतामां रहेQ. -में तोला, घड़ीमें मासा= झट बदलाया करतुं घड़ीसाज पुं०घडियाळी(नाम,-जी स्त्री०) घडाँची स्त्री० पाणीन वासण राखवानी घोडी घतिया पुं० घातक (२) दगो देनार घन पुं० [सं.] घण; हथोडो (२) धन; वादळ (३) वि० घाटुं; घेरु (४) घन मापर्नु; नस्कर घनघनाना अ०क्रि० गडगड अवाज थवो; गर्जवं. (नाम, -हट स्त्री०) । घनघोर वि० बहु घेरं (२) पुं० खूब गडगडाट; गर्जना घनचक्कर पुं० मूर्ख माणस (२) एक दारूखानु-जलेबी (३) चक्कर; फेरो. -में आना या पड़ना-चक्करमां पडवू; मूंझावु; सपडावं घनसार पुं० [सं.] कपूर घना वि० (स्त्री० -नी) घन; घाडु; गीच (२) नजीकनुं (३) खूब; घणुं । घनिष्ठ वि० [सं.] अति गाढ के घेरं घने, घनेरा वि० घणुं; बहु; अनेक घनई स्त्री० माटीनां हांल्लां ने मोटां लाकडांनो बनावेलो तरापो घपची स्त्री० बाथ; बे हाथथी पकडq ते. -बाँधना=बाथ भीडवी; बाथमां लेवू घपला पुं० गरबड; गोलमाल घबड़ा (-रा)ना अ.क्रि० गभरावं (२) रघवाट थवो (३) मूंझावु (४) सक्रि० गभराव घबड़ा(-रा)हट स्त्री० गभराट घमंड पुं० गर्व; अभिमान; शेखी. -पर आना, होनाघमंडमां आव; गर्व करवो घमंडी वि० अभिमानी; घमंडवाळू घमका पुं० घममम अवाज (२) घुम्मो; ठांसो (३) 'घमसा'; गरमी; घाम घमस स्त्री०, -सा पुं० घाम ; उकळाट (२) अधिकता घम(-मा)सान पुं० घमसाण; भयंकर घर पुं० घर; मकान (२) कुळ (३) कोठो; खानु; स्थान. -का उजाला या चिराग पुत्र; संतान. -को मुर्गी For Private and Personal Use Only
SR No.020375
Book TitleHindi Gujarati Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganbhai Prabhudas Desai
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1956
Total Pages593
LanguageHindi, Gujarati
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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