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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८५५ सुगंधि-सुजोधन षधि जो ज्वर, अतिसार, रक्तविकार आदिकी दवा है। सुचरित्र-वि०[सं०] सदाचारी, नेकचलन । पु० सदाचार । सगंधि-वि० [सं०] सुंदर गंधवाला; खुशबूदार । स्त्री० सुचा*-स्त्री० ज्ञान, चेतना विचार । वि०चि, निर्मल । अच्छी गंध, सुवास। सुचाना-सक्रि० सोचनेकी क्रिया दसरेसे कराना ध्यान सगंधित-वि० [सं०] सुगंधयुक्त, खुशबूदार। , आकृष्ट करना; चिताना, समझाना।। सुगठित-वि० सुंदर गठन, गढ़नवाला; कसा हुआ। सचार*--स्त्री० दे० 'सुचाल' । वि० दे० 'सुचारु' । सुगणक-वि० [सं०] अच्छा ज्योतिषी । सुचारु-वि० [सं०] अति चारु, सुंदर, मनोहर । सुगत*-वि० सरल, आसान-'मेरे जान ब्रह्मको बिचा- सुचाल-स्त्री० अच्छी चाल, सदाचार, 'कुचाल'का उलटा । रिबो सुगत है'-बेनी० । पु० [सं०] बुद्ध भगवान्। बौद्ध । सुचालक-वि० [सं०] (गुड कंडक्टर) (वह वस्तु) जिसमें सुगति-स्त्री० [सं०] सद्गति; मोक्ष कल्याण सुख । विद्युत् , ताप आदिका परिचालन सुगमतासे हो सके, सुगना -पु० दे० तोता, सहिजन । सुसंवाहक । सुगम-वि० [सं०] सहजमें जाने या पाने योग्य; आसान, सचाली-वि० अच्छे चाल-चलनवाला, नेकचलन । सुबोध । सुचाव-पु० सुचाना; सूचना, सुझाव । सुगमता-स्त्री० [सं०] सुगम होना, आसानी । सुचिंतित-वि० [सं०] भली भाँति सोचा-विचारा हुआ। सुगर*-वि० सुकंठ, सुघर चतुर । सुचि -वि० दे० 'शुचि' । स्त्री० सूई । -कर्मा-वि० दे० सुगल*-पु० सुग्रीव । 'शुचिकर्मा' ।-मंत-वि० शुद्ध आचरणवाला, पाक-साफ। सुगाध-वि० [सं०] जिसकी थाह सहज में मिल सके, कम सुचित-वि० दे० 'सुचित्त'। गहरा, अगाधका उलटा जो आसानीसे पार किया जा सके। सुचितई-स्त्री० सुचित्तता। सुगाना-अ० क्रि० क्रुद्ध होना; खिन्न होना। स० कि० सुचिती*-वि० दे० 'सुचित्त' । शक करना। सचित्त-वि० [सं०] स्थिरचित्तः चितानिवृत्तः संपन्न । सुगुप्त-वि० [सं०] अच्छी तरह छिपाया हुआ, जो बहुत सुचित्तता-स्त्री० [सं०] सुचित्त होना,इतमीनान,निश्चितता। गुप्त रखा गया हो। -लेख-पु० अत्यंत गुप्त पत्र; ऐसे सुचित्र-वि० [सं०] विभिन्न प्रकारका विभिन्न रंगोंका । अक्षरों या चिहोंमें लिखा हुआ पत्र जिसे पानेवालेके सिवा सुची*-स्त्री० 'शची', इंद्राणी । और कोई न समझ सके। सुचेत-वि० सावधान; सचेत । सुगुरा-वि० जिसका गुरु अच्छा हो। सचेता(तस)-वि० [सं०] सुंदर चित्तवाला; उदाराशय । सुग्रहीत-वि० [सं०] अच्छी तरह पकड़ा हुआ; अच्छी सुच्छंद*-वि० दे० 'स्वच्छंद'। तरह समझा हुआ; प्रातःस्मरणीय । -नामा (मन)- सुच्छ*-वि० दे० 'स्वच्छ' । वि० जिसका नाम सबेरे कल्याणकी कामनासे लिया जाय, | सुच्छम-वि० दे० 'सूक्ष्म । प्रातःस्मरणीय । सुजंघ-वि० [सं०] सुंदर जाँघोंवाला । सुगैया* - स्त्री० चोली। सुजन-पु० [सं०] सज्जन, भला आदमी; * स्वजन । सुग्गा-पु०दे० 'शुक'।-पंखी-पु. एक तरहका धान। सजनता-स्त्री० [सं०] भद्रता, भलमनसी। सुग्रीव-वि० [सं०] सुंदर गरदनवाला। पु० किष्किधाका सुजनी-स्त्री० [फा० 'सोज़नी'] कई तह कपड़ेको साटकर वानर राजा जो बालिका छोटा भाई था; हंस इंद्रशंख । | और ऊपर सुईसे बारीक काम करके बनाया हुआ बिछौना; सुघट-वि० [सं०] सुघड़, सुडौल ।। एक तरहका पलंगपोश । सुघटित-वि० [सं०] जिसकी बनावट, गठन, सुंदर हो, सुजन्मा(न्मन्)-वि० [सं०] सत्कुलमें उत्पन्न, कुलीन । सुडौल । सुजला-वि० स्त्री० [सं०] जहाँ जलकी बहुतायत हो नदीसुघड़-वि० जिसकी बनावट सुंदर हो, सुडील; किसी कार्यमें | बहुला। कुशल, चतुर, हुनरमंद ।-पन-पु० सुंदरता कुशलता। सुजस*-पु० दे० 'सुयश'। सुघड़ई, सुघड़ता-स्त्री० सुघड़पन; सुंदरता; निपुणता। | सुजाका-पु० दे० 'सूजाक' । सुघड़ाई-स्त्री० सुघड़पना सुंदरता; कुशलता, ढब । सुजागर-वि० प्रकाशमान; सुंदर, मनोहर । सुघड़ी-स्त्री० अच्छी, शुभ घड़ी। सुजात-वि० [सं०] सुजन्मा, कुलीन; सुंदर । सुघर-वि० दे० 'सुघड़' । -पन-पु० दे० 'सुघड़पन'। सुजाता-वि० स्त्री० [सं०] कुलीना; सुंदरी । स्त्री० एक सुधरई, सुघरता-स्त्री० दे० 'सुघड़ई'। किसान बालिका जिसने भगवान् बुद्धको बुद्धत्व-प्राप्तिके सुघराई-स्त्री० दे० 'सुघड़ाई। बाद खीर खिलायी थी; तुवरी; गोपीचंदन । सघरी*-स्त्री० दे० 'सुघड़ी'। वि० स्त्री० दे० 'सुघड़' । सुजान-वि०चतुर; ज्ञानी, सुविज्ञ; प्रवीण । पु०प्रेमी प्रभु । सुच*-वि० दे० 'शुचि'। सुजानता-स्त्री० सुजान होना । सुचक्षु (स)-वि० [सं०] सुंदर आँखोंवाला (शिव);अच्छी सुजानी-वि० दे० 'सुजान'। निगाहवाला; बुद्धिमान्, विवेकी । पु० गूलरका पेड़ । सुजिह्व-वि० [सं०] सुंदर जीभवाला; मधुरभाषी। सुचना*-सक्रि० जोड़ना, संचय करना। सजेय-वि० [सं०] आसानीसे जीतने योग्य । सुचरित-वि० [सं०] सदाचारी, सत्कर्मी । पु० सदाचार । | सुजोग*-पु० दे० 'सुयोग'। सुचरिता-स्त्री० [सं०] पतिव्रता स्त्री। । सुजोधन*-पु० दे० 'सुयोधन'। ५४-क For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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