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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सिं०] जाना चनेकी सानीवात्मा २०१ गण-गदहपूरना गण-पु० [सं०] समूह, गरोह; वर्ग: श्रेणी; जाति; समान बनाना-दुर्दशा करना; खूब मरम्मत करना । उद्देश्यवाले मनुष्योंका समूह, संघ; अनुचर या अनुयायि- गतका-पु० लकड़ीका डेढ़-दो हाथ लंबा, चमड़ा चढ़ा, वर्ग; अक्षौहिणीका एक विभाग-२७ रथ, २७ हाथी, ८१, मुठियादार डंडा जिससे एक खास खेल खेला जाता है, घोड़े और १३५ पैदल; छंदःशास्त्र में तीन वर्णीका समूह | गतका-फरीका खेल जो लाठी लड़नेसे मिलता-जुलता है। (भगण, यगण आदि); समान लोप, आगम आदिवाले गतांक-पु० [सं०] पिछला अंक, संख्या (सामयिक शब्दों, धातुओंका वर्ग (व्या०); शिवके सेवकोंका समुदाय, | पत्रादिकी)। प्रमथा सेवक, अनुचर । -तंत्र-पु० शासनका एक प्रकार गतानुगतिक-वि० [सं०] आँख मूंदकर दूसरोंके पीछे जिसमें शासनका कार्य चुने हुए प्रतिनिधियों के द्वारा होता । चलनेवाला, अंधानुयायी। है। -तंत्रवादी(दिन)-पु० (रिपब्लिकन) गणतंत्रके | गतार्तवा-स्त्री० [सं०] वह स्त्री जो अब ऋतुमती न होती सिद्धांतोंका प्रतिपादन, अनुसरण या समर्थन करनेवाला | हो, बुढ़िया । संयुक्त राष्ट्र अमेरिकाका एक राजनीतिक दल जो व्यापा- गतासु-वि० [सं०] मृत । रिक संरक्षण एवं केंद्रीय शक्तिके विस्तारका समर्थक माना गति-स्त्री० [सं०] जाना, गमन; चाल, रफ्तार; हरकत जाता है । -दीक्षा-स्त्री० बहुतोंकी एक साथ, सामूहिक लीला; पहुँच, प्रवेश; जाने-पहुँचनेकी सामर्थ्यकी सीमा दीक्षा । -द्रव्य-पु० पंचायती धन, माल । -नाथ,- दशा, हालत; स्थिति; रूप-रंग; मृत्युके बाद जीवात्माकी नायक,-पति-पु० गणस्वामी; गणेशशिव । -पूर्ति- भली-बुरी दशा सद्गति; मार्ग; ग्रहोंकी चाल; नासूर; स्त्री० (कोरम) सदस्योंकी वह अल्पतम निर्धारित संख्या शान; उपाय; अवलंब, सहारा; साधन; प्रवाहा नृत्य जो किसी सभाका कार्य संचालित करनेके लिए आवश्यक पैतरा दे० 'गत' । -भंग,-भेद-पु० छंद, गान आदिमानी गयी हो । -राज्य-पु. वह राज्य जिसमें शासन में पढ़ने, गानेकी लयका टूट जाना। -रोध-पु० (डेडजन प्रतिनिधियों द्वारा होता हो। लॉक) किसो वार्ता आदिमें ऐसी जटिल स्थिति या बाधागणक-पु० [सं०] गणना करनेवाला, ज्योतिषी; दे० | का उत्पन्न हो जाना जिससे आगे बढ़ने आदिकी संभावना 'लेखापाल' । ही न जान पड़े, जिच। -विज्ञान-शास्त्र-पु० गणन-पु० [सं०] गिनना; हिसाब करना; मानना । विज्ञानका वह विभाग जिसमें द्रव्यादिकी गति और शक्तिगणनक-पु० (टैबुलेटर) चुनावमें प्राप्त मतों या परीक्षामें संबंधी सिद्धांतोंका निर्धारण किया जाता है (डायनाप्राप्त अंकोंको क्रमसे रखकर जोड़नेवाला व्यक्ति या मिक्स) । -विधि-स्त्री० चेष्टा, हरकत कार्य (असा०) । यंत्र। -शील-वि० गतिमान् । -हीन-वि० असहाय, परिगणना-स्त्री० [सं०] गिनना; हिसाब; लिहाज; ( अका- त्यक्त गतिरहित । उंट) दे० 'लेखा'। गतिमानू (मत्)-वि० [सं०] गतियुक्त, हरकत करनेगणनाध्यक्ष-पु० [सं०] दे० 'लेखापाल' । वाला। गणनीय-वि० [सं०] गिननेलायक; भान्य । गत्ता-पु० एक तरहकी घटिया दफ्ती। गणाधिप, गणाधिपति, गणाध्यक्ष-पु० [सं०] गण- | गत्तालखाता-पु० बट्टाखाता । स्वामी; सेनानायक; गणेश; शिव । गत्थ*-पु० दे० 'गथ' । गणिका-स्त्री० [सं०] वेश्या, धनके लोभसे नायकसे प्रेम | गन्यवरोध-पु० [सं०] दे० 'गतिरोध' । करनेवाली नायिका । गथ*-पु० पूँजी, जमा; माल, धन; झुंड । गणित-पु० [सं०] संख्या, अवकाश, मात्रा आदिका गथना*-स० कि० जोड़ना, एक साथ बाँधना; गढ़कर विचार करनेवाला शास्त्र, अंकशास्त्र हिसाब । वि० गिना | बातें करना। हुआ; जोड़ा हुआ। -ज्ञ-वि० गणितशास्त्री, ज्योतिषी। गद-पु० [सं०] रोग; विष । -हा(हन)-पु. वैद्य '-विद्या-स्त्री० अंकशास्त्र, इल्मे हिसाव । [हिं०] दे० 'गधा'। गणेश-पु० [सं०] एक प्रसिद्ध हिंदू देवता जो शिव-पार्वती- गदका-पु० दे० 'गतका'। के पुत्र माने जाते हैं। गदकारा-वि० गुलगुला, नरम। गण्य-वि० [सं०] गणनीय । -मान्य-वि० सम्मानित । गदगद-वि० दे० 'गद्गद' । गत-वि० [सं०] गया हुआ; वीता हुआ; मृत; पहुँचा हुआ | गदनास गदना*-स० क्रि० कहना, बोलना। प्राप्त; स्थित; से संबद्ध; रहित; शात; पिछला (गत | ग़दर-पु० [अ०] विप्लव, बगावत, विद्रोह । सप्ताह, मास)। -चेतन-वि० नष्टचेतन, बेहोश । | गदरा-वि० गदराया हुआ, अधपका। -प्राण-वि० मृत, बेजान । -प्राय-वि० गया, बीता | गदराना-अ० क्रि० पकनेपर होना; यौवनागभमें अंगोंका हुआसा। -भर्तृका-स्त्री० विधवा । -वय(स भरना, खिलना; आँखमें कीचड़ आना, आँख दुखने आना। घयस्क-वि० अधिक अवस्थाका । * वि० गदराया हुआ। अवस्थाका। . गत-स्त्री० गति, हालत बुरी गति; ढंग; रूप; सितार गदला-वि० मैला, मिट्टी या कीचड़ मिला हुआ (पानी)। आदिपर बजाया जानेवाला रागका 'सरगम'; नृत्यमें | गदहपचीसी-स्त्री०१६ से २५ बरसतककी अवस्था, मस्ती विशेष अंगचेष्टा ।-का-ठिकानेका, अच्छा ।(-बजाना- और नासमझीके दिन । सितार आदिपर रागका 'सरगम' बजाना।) मु०- | गदहपूरना-स्त्री० एक पौधा, पुनर्नवा । For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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